CBI Vs CBI : वर्मा और अस्थाना बिल्ली की तरह झगड़ रहे थे, संस्थान की अखंडता बचाने के लिए दिया दखल : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

Update: 2018-12-05 16:17 GMT

CBI Vs CBI मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान  केन्द्र सरकार ने बुधवार को कहा कि उन्हें सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल  डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच सार्वजनिक लड़ाई के चलते बीच में उतरना पड़ा। साथ ही दोनों को छुट्टी पर भेजने पर मजबूर होना पड़ा।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ के सामने AG के के वेणुगोपाल ने कहा कि दोनों अफसर बिल्लियों की तरह लड़ रहे थे जिससे सीबीआई की छवि नकारात्मक बन गई थी और संस्थान की अखंडता बचाने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया।

AG ने कहा कि केंद्र ने अपने अधिकार क्षेत्र के दायरे में काम किया औ र इसके अलावा उनके पास कोई और चारा नहीं था। आलोक वर्मा और राकेश अस्थान के बीच लड़ाई काफी बढ़ गई थी और यह सार्वजनिक बहस का मुद्दा बन गया था। सरकार हैरान होकर देख रही थी कि आखिर दो शीर्ष अधिकारी कर क्या रहे हैं। केंद्र अगर ये कदम नहीं उठाता तो भगवान जाने दोनों अफसरों के बीच की लडाई कहां जाकर रुकती।

सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि जांच एजेंसी के निदेशक और विशेष निदेशक के बीच विवाद इस प्रतिष्ठित संस्थान की निष्ठा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा रहा था। अटार्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दो शीर्ष अधिकारियों आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना का झगड़ा सार्वजनिक हुआ जिसने सीबीआई को हास्यास्पद बना दिया।

 वेणुगोपाल ने कहा कि वर्मा और अस्थाना के बीच संघर्ष ने अभूतपूर्व और असाधारण स्थिति पैदा कर दी थी। अटार्नी जनरल ने कहा कि सरकार का  मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश की इस प्रमुख जांच एजेंसी में जनता का भरोसा बहाल हो।वेणुगोपाल ने ये भी कहा कि अगर आज कोई पूछे कि सीबीआई डायरेक्टर कौन है तो हम कहेंगे कि आलोक वर्मा। उनका पद, सरकारी बंगले, गाड़ी सभी सुविधाएं बरकरार हैं।

AG ने पीठ को कहा कि केंद्र ने वर्मा को नियुक्त किया था। अगर उनका दो साल के कार्यकाल के बीच ट्रांसफर किया जाता तो चयन समिति की अनुमति की जरूरत पड़ती। लेकिन छुट्टी पर भेजा जाना ट्रांसफर के समान नहीं है। ऐसे में इसके लिए समिति की अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

केंद्र की दलीलें समाप्त होने के बाद सीवीसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बहस शुरु की। गुरुवार को ये सुनवाई जारी रहेगी।

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