सुप्रीम कोर्ट ने एसिड अटैक से दो भाइयों की हत्या के दोषी मोहम्मद शहाबुद्दीन की आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी
2004 में बिहार के सिवान में एसिड अटैक से दो भाइयों की हत्या के दोषी RJD के पूर्व सांसद और बिहार के बाहूबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की आजीवन कारावास की सजा बरकरार रहेगी।
सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने शहाबुद्दीन की अपील को खारिज कर दिया और 2017 के पटना हाईकोर्ट के उस फैसले को बनाए रखा जिसमें निचली अदालत के आजीवन कारावास की सजा के फैसले की पुष्टि की गई थी।
सुनवाई के दौरान CJI रंजन गोगोई की पीठ ने शहाबुद्दीन के वकीलों से कहा, “ इस दोहरे हत्याकांड के गवाह राजीव रोशन की कोर्ट में गवाही देने जाते समय हत्या क्यों की गई ? इस हमने के पीछे कौन था। सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसले में दखल नहीं देगा। इस अपील में कुछ नहीं है।” यहां तक कि पीठ ने बिहार सरकार की ओर से पेश वकील केशव मोहन से याचिका पर जवाब तक नहीं मांगा।
दरअसल अगस्त में 2004 में सिवान में दो भाइयों सतीश और गिरीश रोशन की एसिड अटैक से हत्या कर दी गई थी। इसमें शहाबुद्दीन व अन्य को आरोपी बनाया गया।
6 जून 2014 को इस मामले के चश्मदीद गवाह और दोनों के भाई राजीव रोशन की भी उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई जब वो ट्रायल कोर्ट में गवाही देने जा रहा था। 9 दिसंबर 2015 को निचली अदालत ने शहाबुद्दीन व अन्य को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा
सुनाई। शहाबुद्दीन की अपील पर फैसला सुनाते हुए 2017 में पटना हाईकोर्ट ने भी इसे बरकरार रखा। फिलहाल शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है।