#MeToo को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाएं, सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार किया

Update: 2018-10-23 04:35 GMT

#MeToo को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं। हालांकि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मामले की जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया।

पहली याचिका वकील एमएल शर्मा ने दाखिल की है। उन्होंने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई का आग्रह किया लेकिन CJI गोगोई ने कहा कि जब मामला लिस्ट होगा तो आपको बता दिया जाएगा।

अपनी याचिका में शर्मा ने कहा है कि CrPc  की धारा 154 के तहत संज्ञान लेकर FIR दर्ज की जाए और मामले की जांच की जांच कर आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो। ऐसे मामलों में IPC की धारा 375, 376 यानी रेप या 354 छेडछाड़ जैसी धाराएं लगाई जाएं।

साथ ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि यौन उत्पीडन के मामलों के ट्रायल के लिए स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए।

शर्मा ने राष्ट्रीय महिला अधिकार आयोग ऐसी पीडिताओं को वित्तीय, कानूनी सहायता और सुरक्षा के साथ साथ उनकी पहचान को छिपाने के लिए कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की है।

वहीं वकील महेश कुमार तिवारी ने भी इस मुद्दे पर याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि जो सोशल मीडिया पर चल रहा है उसको लेकर पहले से ही कानून है। इसलिए जो भी आरोप ऑनलाइन लग रहे है उसके आधार पर FIR दर्ज न हो। पहले कानून के तहत इसकी जांच की जाए। याचिका में कहा गया है कि केवल तीन महीने पुराने मामले में ही FIR दर्ज हो। उससे पुराने मामले में जांच और देरी के वाजिब आधार के बाद ही FIR दर्ज हो।

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