जस्टिस रंजन गोगोई बने देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
जस्टिस रंजन गोगोई देश के 46 वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। वो 17 नवंबर 2019 तक पद पर बने रहेंगे।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई मंत्री, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज व वर्तमान जज मौजूद रहे।
जस्टिस गोगोई पूर्वोत्तर राज्य से पहले मुख्य न्यायाधीश भी बने हैं। वो असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के बेटे हैं।
18 नवंबर, 1954 को जन्मे जस्टिस रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा ली और फिर उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की।
जस्टिस रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए पंजीकरण करा। उन्होंने संवैधानिक, कराधान और कंपनी मामलों में गुवाहाटी उच्च न्यायालय में वकालत की। 28 फरवरी, 2001 को जस्टिस गोगोई को गुवाहाटी उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। 9 सितंबर 2010 को उनका पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में तबादला किया गया। उन्हें 12 फरवरी, 2011 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह 23 अप्रैल, 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज बनें।
फिलहाल वो असम में NRC की निगरानी, सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन को लेकर निगरानी कर रहे हैं।
जस्टिस गोगोई विनम्र लेकिन सख्त जज माने जाते हैं। केरल में हत्या के एक मामले में उनके फैसले पर सवाल उठाने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू को उन्होंने अवमानना नोटिस जारी कर कोर्ट में तलब कर लिया था।
गौरतलब है कि 12 जनवरी को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर मास्टर ऑफ रोस्टर के अधिकार का गलत फायदा उठाने का आरोप लगाने वाले चार वरिष्ठ जजों में जस्टिस गोगोई भी शामिल थे। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि वो अगले चीफ जस्टिस होंगे या नहीं।