SC/ST कानून के प्रावधान को ‘हल्का’ करने की केंद्र की पुनर्विचार याचिका : सुप्रीम कोर्ट दो बजे करेगा सुनवाई

Update: 2018-04-03 06:20 GMT

एक अहम फैसले के तहत सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को ही दोपहर दो बजे केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका  पर खुली अदालत में सुनवाई को तैयार हो गया है। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस यू यू ललित की पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी।

मंगलवार सुबह AG के के वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि आज ही सुनवाई हो।देश में कानून व्यवस्था खराब हो रही है। इस पर जस्टिस आदर्श गोयल ने कहा कि वो खुली अदालत में सुनवाई को तैयार हैं लेकिन वही बेंच होनी चाहिए जिसका फैसला था।जस्टिस गोयल ने कहा कि बेंच के गठन के लिए चीफ जस्टिस के सामने मेंशन करें।

वहीं अमिक्स क्यूरी अमरेंद्र शरण ने इसका विरोध करते हुए  कहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सिर्फ इसलिए रोक नहीं लगाई जा सकती क्योंकि कानून व्यवस्था खराब हो रही है।

इसके बाद AG ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के सामने मेंशन किया और कहा कि फैसले से कानून व्यवस्था खराब हो रही है और जानमाल का नुकसान हो रहा है। केंद्र चाहता है कि आदेश पर रोक लगाई जाए इसलिए आज ही दो बजे सुनवाई हो।

इस दौरान CJI ने कहा कि वही बेंच आज दो बजे सुनवाई करेगी जिसने फैसला दिया था। फैसले पर रोक लगे या नहीं वहीं बेंच तय करेगी।

दरअसल केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 20 मार्च के उस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की है जिसमें जिसमें एससी / एसटी (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने से पहले सख्त 'सुरक्षा उपाय’ बनाए थे और ऑटोमैटिक गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी।

सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्रालय द्वारा दायर की गई याचिका में तर्क दिया गया है कि 20 मार्च के फैसले से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के प्रावधानों को कम किया गया है जिसका उद्देश्य सामाजिक रूप से हाशिए वाले लोगों की रक्षा करना था।

इसमें दलील दी गई है कि इस तरह कानून के कमजोर पड़ने से लोगों में इसका डर कम हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप इसका उल्लंघन हो सकता है, जिससे दलितों और आदिवासियों को अधिक असुरक्षित हो सकते हैं।

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