अफराजुल के हत्यारे का राजस्थान के जेल से ट्रांसफर करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राजस्थान सरकार को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और एएम खानविलकर की पीठ ने सोमवार को अफाराजुल खान की पत्नी गुलबहार बीबी की याचिका पर केंद्र और राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया है। अफराजुल खान की दिसंबर 2017 में एक व्यक्ति ने मुसलमान होने की वजह से हत्या कर दी थी। इसके बाद उसके हत्यारे शंभूलाल रेगर ने हत्या और अपने भाषण का वीडिओ बनाया था जिसमें उसकी हत्या को सही ठहराया और उसे इंटरनेट पर अपलोड कर दिया था।
न्यायमूर्ति चन्द्रचूड़ ने कहा, “उसने (आरोपी) (जोधपुर केंद्रीय) जेल से भी दो वीडिओ अपलोड किए हैं”।
याचिकाकर्ता की वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा, “यह देखते हुए कि विचाराधीन कैदी ने जेल की सुविधाओं का दुरूपयोग किया है, उसको इस जेल से ट्रांसफर किया जाना चाहिए...” 2005 मेंकल्याण चन्द्र सरकार बनाम रंजन राजेश मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि “वास्तविक स्थिति का तकाजा यह है कि उसको एक जेल से दूसरे जेल में ट्रांसफर किया जाना चाहिए भले ही वह आरोपी है या विचाराधीन”। क़ानून के नियमों को जब कोई बिना किसी डर के चुनौती देता है तो कोर्ट मूक दर्शक बनकर नहीं खड़ा रह सकता। क़ानून के हाथ इतने लंबे होते हैं कि वह इस स्थिति का उपचार कर सकता है और वह कैदी को एक जेल से दूसरे जेल में ट्रांसफर कर सकता है...ऊपर जिन तथ्यों का जिक्र किया गया है उससे स्पष्ट है कि प्रतिवादी ने बार बार जेल में रहते हुए और कई बार जमानत पर रहने के दौरान क़ानून को तोड़ा है।
पीठ ने सोमवार को आरोपी को राजस्थान की जेल से पश्चिम बंगाल भेजने का आदेश दिया क्योंकि इस अपराध का शिकार हुआ व्यक्ति पश्चिम बंगाल का रहने वाला है।
इस मामले की इससे पहले 16 फरवरी को हुई सुनवाई में पीठ ने एडवोकेट पीके डे को निर्देश दिया कि वह इस मामले में निर्देश प्राप्त करें। डे सीबीआई की पैरवी करते हैं।
सोमवार को डे ने कहा, “आरोपी को राजस्थान से पश्चिम बंगाल ट्रांसफर करने और एक लोक अभियोजक की नियुक्ति के मामले से सीबीआई का कोई लेनादेना नहीं है...स्थानीय पुलिस ने अभियोगपत्र दाखिल किया है, इसका संज्ञान लिया जा चुका है और सुपुर्दगी की प्रक्रिया लंबित है...”