हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट ने परपंरा तोड़ी, कॉलेजियम ने नियुक्ति की सिफारिश करने से पहले उम्मीदवारों से की ‘ बातचीत’
परंपरा से हटकर पहली बार सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाल ही में दो उच्च न्यायालयों में जजों की पदोन्नति की सिफारिश करने से पहले उम्मीदवारों के साथ "बातचीत" की।
भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस जे चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई का कॉलेजियम कलकत्ता उच्च न्यायालय में नियुक्ति के लिए सात अधिवक्ताओं की उम्मीदवारी पर विचार कर रहा था। 26 मार्च की बैठक के अनुसार , "उच्च न्यायालय में पदोन्नति के लिए उपरोक्त नामित उम्मीदवारों की योग्यता और उपयुक्तता का आकलन करने के उद्देश्य से हमने ध्यान से फाइल में रखी सामग्री की जांच की है जिसमें मुख्यमंत्री के विचार शामिल हैं जो पश्चिम बंगाल राज्य के लिए गवर्नर द्वारा अग्रेषित किया गया, इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट, आयु, आय, सभी सिफारिशों के संबंध में रिपोर्ट / रिपोर्ट न किए गए निर्णय के साथ ही फाइल में न्याय विभाग द्वारा की गई टिप्पणियों के बारे में रिपोर्ट। इसके अलावा हमने सभी अनुशंसित लोगों को उनके साथ बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया है। "
इसके बाद सात अधिवक्ताओं में से पांच की सिफारिश की गई जबकि यह ध्यान में रखते हुए कि किसी और की उपयुक्तता पर विचार करने के लिए अधिक जानकारी की आवश्यकता है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में पदोन्नति के लिए उम्मीदवारों पर विचार करते समय कॉलेजियम
ने इसी तरह की प्रक्रिया अपनायी। यह एक महत्वपूर्ण पहलू है , खासतौर पर इस पर विचार करते हुए कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की व्यवस्था अक्सर अस्पष्टता के आरोपों से जुड़ी रहती है। वास्तव में इस तरह की चिंताओं को हल करने के लिए कॉलेजियम के प्रस्तावों को सार्वजनिक करने का निर्णय भी लिया गया था।