CLAT, 2018 की न्यूनतम पात्रता के मानदंडों को उत्तराखंड हाई कोर्ट में चुनौती, कोर्ट ने NUALS के वीसी को जारी किया नोटिस
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (सीएलएटी), 2018 में बैठने के लिए न्यूनतम पात्रता की शर्तों को दी गई चुनौती पर बुधवार को कोच्ची के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडवांस लीगल स्टडीज (एनयूएएलएस) के वाइस चांसलर को नोटिस जारी किया। यह परीक्षा एलएलबी में प्रवेश के लिए आयोजित किया जाता है।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने दो क़ानून स्नातकों दीपक रावत और केशर सिंह द्वारा दायर याचिका पर यह नोटिस जारी किया। ये दोनों ही क्रमशः ओबीसी और एससी श्रेणी में आते हैं।
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि इस परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम योग्यता के तहत एलएलबी डिग्री में ओबीसी और आम श्रेणी के छात्रों के लिए 55% अंक और एससी और एसटी एवं अन्य आरक्षित श्रेणी के लिए 50% अंक प्राप्त करने की शर्त रखी है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह शर्त तर्कहीन, मनमाना और अस्पष्ट है और संविधान के अनुच्छेद 13 और 14 के अनुरूप नहीं है।
छात्रों ने दावा किया है कि एचएन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, उत्तराखंड से आरटीआई द्वारा प्राप्त जानकारी में कहा गया है स्नातक कार्यक्रम में 70% से अधिक छात्र 55% अंक नहीं ला पाए और इस तरह से ऐसे सभी छात्र इस परीक्षा में बैठ नहीं पाएंगे।
इन छात्रों का कहना है कि उक्त सूचना के बाद भी अगर 55% अंक प्राप्त होने की शर्त बरकरार रहती है तो ये और अन्य छात्र इस परिक्षा में बैठ नहीं पाएंगे।
CLAT 2018
CLAT, 2018 की परीक्षा 13 मई 2018 को होने जा रही है और इसके लिए आवेदन की तिथि 31 मार्च को समाप्त हो रही है।
एनयूएएलएस इस पांच साला एलएलबी और स्नातकोत्तर एलएलएम परीक्षा का आयोजन कर रहा है।
दिलचस्प बात यह है कि इस साल जो सूचना जारी की गई है उसमें इस परीक्षा के लिए उम्र सीमा का जिक्र नहीं है। सुप्रीम कोर्ट इस समय उम्र सीमा को लेकर एक याचिका की सुनवाई कर रही है। अंतरिम व्यवस्था के रूप में बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने इस वर्ष मार्च में पांच साला एलएलबी कोर्स के लिए उम्र सीमा 20 से 22 वर्ष निर्धारित की है जबकि तीन साल के एलएलबी कोर्स के लिए यह सीमा 30 से 45 वर्ष है।