डीडीए के मास्टर प्लान 2021 में संशोधन पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, कहा नहीं चलेगी ये दादागिरी

Update: 2018-03-06 10:03 GMT

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक बडा कदम उठाते हुए दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में संशोधन करने पर रोक लगा दी।

इस संबंध में डीडीए द्वारा हलफनामा दाखिल ना करने पर नाराज कोर्ट ने कहा कि आदेश के बावजूद डीडीए ने कोई हलफनामा नहीं किया इसका मतलब ये है कि उसके पास कहने को कुछ नहीं है।

जस्टिस लोकुर ने कहा कि ये दादागिरी नहीं चलेगी। डीडीए कोर्ट को ये नहीं कह सकता कि कोर्ट चाहे कुछ भी कहे वो अपनी मर्जी से काम करेगा।

इसके बाद पीठ ने मास्टर प्लान के संशोधन पर रोक लगा दी। हालांकि डीडीए की ओर से कहा गया कि वो दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल कर देंगे। कोर्ट ने कहा कि ये डीडीए की मर्जी है।

गौरतलब है कि 9 फरवरी को  निर्माण और अन्य नागरिक समस्याओं जैसे कमजोर अपशिष्ट प्रबंधन, बढ़ते प्रदूषण और पार्किंग की जगह की कमी का जिक्र करते हुए जस्टिस लोकुर ने कहा था,  "देश में प्रदूषण का स्तर इतना खराब है कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 शहर भारत में हैं और भारत के इन 13 शहरों में दिल्ली शीर्ष पर है। मुझे नहीं पता कि दिल्ली में नागरिक प्रशासन क्या कर रहा है।"

अदालत ने डीडीए को एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा था जिसमें ये बताना है कि मास्टर प्लान 2021 में परिवर्तन की आवश्यकता क्यों है और क्या संशोंधन करने से पहले पर्यावरण पर पडने वाले प्रभाव को लेकर कोई स्टडी की गई है ?

गौरतलब है डीडीए के मास्टर प्लान में संशोधन कर FAR बढाने के प्रस्ताव से व्यापारियों को बड़ी राहत की उम्मीद थी, जो समान एफएआर की मांग कर रहे थे, क्योंकि हाल ही में नागरिक निकायों द्वारा कई संपत्तियों को सील कर दिया गया है। उत्तर, दक्षिण और मध्य दिल्ली में स्थानीय निकाय सीलिंग अभियान चला रहे हैं।

यह पिछले साल दिसम्बर में शुरू हुआ जब  सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त निगरानी समिति के निर्देश पर डिफेंस कॉलोनी मार्केट में 50 से अधिक दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।

Similar News