सुनिश्चित करें कि 25% सीटें RTE के तहत आरक्षित हों : गुजरात हाईकोर्ट [निर्णय पढ़ें]

Update: 2018-01-12 04:10 GMT

  गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ये निर्देश दिया है कि वो सुनिश्चित करे कि राज्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में वंचित बच्चों को शिक्षा के अधिकार ( RTE) के तहत 25 फीसदी आरक्षण का लाभ मिले।

मंगलवार को जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बिरेन वैष्णव की बेंच संदीप  मुंज्यारा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि मई / जून, 2017 के महीने में मान्यता प्राप्त नए प्राथमिक स्कूलों में RTE अधिनियम के तहत 25 फीसदी सीटें उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। वहीं राज्य ने यह बताया था कि RTE कानून के तहत छात्रों के प्रवेश की प्रक्रिया फरवरी के महीने में शुरू की गई थी और इसलिए नए विद्यालयों को उसके कार्यक्षेत्र में शामिल नहीं किया जा सकता था। इसके अलावा राज्य सरकार ने कोर्ट को  आश्वासन दिया था कि अगले शैक्षणिक वर्ष से, नए स्कूलों को आरटीई अधिनियम के माध्यम से प्रवेश से आमंत्रित किए जाने से  पहले दिया जाएगा।

राज्य के जवाब को देखते हुए  कोर्ट ने आदेश दिया, " राज्य सरकार को  यह देखने के निर्देश दिए जाते हैं कि RTE अधिनियम के तहत कमजोर वर्गों और वंचित समूहों के बच्चों के

प्रवेश के लिए उन नए मान्यता प्राप्त स्कूलों में भी 25 फीसदी की पेशकश की जाए और कमजोर वर्गों और वंचित समूहों के उन सभी बच्चों को जो प्रवेश मिले जिन्हें पहले दौर में प्रवेश नहीं मिल पा रहे हैं और छोड़ दिए जाते हैं, उन्हें आरटीई कानून के अंतर्गत प्रवेश ऐसे विद्यालयों के 25 फीसदी, आवेदनों को आमंत्रित करने वाले विज्ञापनों की पहली तारीख के बाद मिले ताकि कमजोर वर्गों और वंचित समूहों के अधिक से अधिक बच्चों को आरटीई कानून के तहत प्रवेश मिल सके और आरटीई अधिनियम के वास्तविक उद्देश्य प्राप्त हो सकें जिसका प्रयास राज्य सरकार कर रही है।

उपरोक्त निर्देश शैक्षणिक वर्ष 2018-19 से लागू किया जाएगा। "


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