2008 मालेगांव विस्फोट: NIA कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर और अन्य आरोपियों को आरोपमुक्त करने से इंकार किया, मकोका हटाया
मुंबई की विशेष NIA अदालत ने बुधवार को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में प्रज्ञा सिंह ठाकुर , लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और अन्य आरोपियों को आरोपमुक्त करने से इंकार कर दिया। इन धमाकों में सात लोगों की मौत हो गई थी और 100 लोगों पर घायल हुए थे।
इस मामले में अन्य तीनों आरोपी श्याम साहू, शिवनारायण कालसांगरा और प्रवीण ताकल्की को आरोपमुक्त कर दिया गया है।
हालांकि विशेष जज एसडी टेकाले ने सभी आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध अधिनियम, 1999 के तहत सभी आरोपों को हटा दिया है।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी पर धारा 16 (एक आतंकवादी कृत्य करने) और 18 (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, 1 9 5 9 की अपराधी साजिश) और धारा 120 (बी) (आपराधिक षड्यंत्र), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 326 (जानबूझकर अन्य लोगों को नुकसान पहुंचा), 427 और 153 ए ( समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), और धारा 3, 4, 5, 6 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1 908 के तहत आरोप तय किए गए हैं जबकि मामले में दो अन्य आरोपी जगदीश म्हात्रे और राकेश धवडे केवल शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमे का सामना करेंगे।
कोर्ट ने सभी अभियुक्तों को 15 जनवरी 2018 को होने वाले मामले में आरोप तय करने की औपचारिक कार्यवाही के दौरान उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में मकोका के आरोपों को हटाने का आदेश महत्वपूर्ण है क्योंकि महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते ने आरोप पत्र पर चार्जशीट में MCOCA का आरोप लगाया था। लेकिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अप्रैल 2011 में मामले जांच शुरू की और फिर MCOCA आरोपों को पूरक आरोप पत्र में हटा दिया था।