नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( NGT) के अध्यक्ष और न्यायिक सदस्यों की रिक्त पदों को भरने करने के लिए एक सर्च कम सलेक्शन कमेटी का गठन किया गया है और विशेषज्ञ सदस्यों की नियुक्ति को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
NGT में रिक्त पदों से संबंधित लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में पर्यावरण और वन मंत्रालय के राज्य मंत्री महेश शर्मा ने ये जानकारी दी। NGT में कुल स्वीकृत पदों में एक अध्यक्ष, दस न्यायिक सदस्य, दस विशेषज्ञ सदस्य और 161 अन्य पद शामिल हैं। 22 दिसंबर को रिक्त पदों की संख्या अध्यक्ष, पांच न्यायिक सदस्य, आठ विशेषज्ञ सदस्य और 81 अन्य पद हैं। मंत्री ने कहा कि नियुक्ति अवधि के पूरे होने, इस्तीफे, पदोन्नति या प्रतिनियुक्ति अवधि के पूरे होने आदि कारणों से अलग-अलग पद खाली हो गए हैं। उन्होंने कहा किरिक्त पदों को भरने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि 1 जून, 2017 को वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग द्वारा अधिसूचित ट्रिब्यूनल, अपीलीय ट्रिब्यूनल और अन्य प्राधिकारियों (योग्यता, अनुभव और सदस्यों की सेवा की अन्य स्थितियां) नियम, 2017 के प्रावधानों के तहत NGT में न्यायिक सदस्यों और विशेषज्ञ सदस्यों के पदों को भरने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 1 मार्च, 2017 को जारी किए गए विज्ञापन और 2 9 अगस्त, 2017 को जारी किए गए विज्ञापन में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। अध्यक्ष एवं न्यायिक सदस्यों की रिक्त पदों के लिए खोज-सह-चयन समिति गठित की गई है और विशेषज्ञ सदस्यों की नियुक्ति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अन्य खाली पदों को भरने के लिए NGT द्वारा पदोन्नति या प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरने के प्रयास किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि इसी महीने जस्टिस स्वतंत्र कुमार NGT अध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।अपने कार्यकाल के दौरान कई बडे फैसलों में उन्होंने पर्यावरण के खिलाफ चल रही गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया। इनमें कचरा डंपिंग, नदी के किनारों पर अवैध रेत खनन और पुराने वाहनों के मामले शामिल हैं। वोदुनिया भर के कई कानूनी और राजनीतिक दिग्गजों के साथ एक साथ मिलकर दो बार अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन करने में भी सहायक रहे।