पूर्व पत्नी पति की रिलेटिव नहीं और उसे आईपीसी की धारा 498ए के तहत दंडित नहीं किया जा सकता : गुजरात हाई कोर्ट [निर्णय पढ़ें]

Update: 2017-12-12 05:14 GMT

गुजरात हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति की पूर्व पत्नी के खिलाफ एक  मामले को निरस्त कर दिया जिसमें इस व्यक्ति की वर्तमान पत्नी ने आईपीसी की धारा 498ए के अंतर्गत उसके व एक अन्य आरोपी के खिलाफ आपराधिक मामला दायर किया था। शिकायतकर्ता पत्नी ने आरोप लगाया था कि उससे शादी करने के बाद उसका पति अपनी तलाकशुदा पत्नी के पास चला गया। उसने अपनी शिकायत में अपने पति और उसकी पूर्व पत्नी को भी आरोपी बनाया था।

जज न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला ने कहा कि अगर यह मान भी लिया जाए कि पति अपनी पहली पत्नी के पास चला गया, चूंकि शादी ख़त्म हो चुकी थी, पूर्व पत्नी “पति की रिलेटिव” की श्रेणी में नहीं आएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि पूर्व पत्नी के खिलाफ कोई मामला नहीं है।

कोर्ट ने कहा, “हो सकता है कि आवेदनकर्ता पति-पत्नी के बीच विवाद का कारण हो पर उसे इस अपराध के लिए आईपीसी की धारा 498ए के तहत दंडित नहीं किया जा सकता।” कोर्ट ने पूर्व पत्नी के खिलाफ शिकायत को खारिज कर दिया।

एक पूर्व पति को आईपीसी की धारा 498ए के तहत दंडित किया जा सकता है या नहीं यह एम अब्दुल सत्तर बनाम अनीसा मामले के रूप में केरल हाई कोर्ट के समक्ष आया था। उस मामले में कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अगर पूर्व पति ने अपनी तलाकशुदा पत्नी पर पति रहते हुए ज्यादती की है तो वह आईपीसी की धारा 498ए के तहत दंड का भागी होता है। लेकिन अगर यह अपराध दोनों में तलाक होने के बाद किया जाता है तो इस प्रावधान के तहत उसे दंडित नहीं किया जा सकता।


 Full View

Similar News