ताजमहल के पास बन रही मल्टीलेवल पार्किंग को सुप्रीम कोर्ट ने ढहाने के आदेश दिए, यूपी सरकार ने आदेश वापस लेने की गुहार लगाई

Update: 2017-10-24 15:45 GMT

आगरा में ऐहतिहासिक स्मारक ताजमहल के सरंक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की मुसीबत बढा दी है।

मंगलवार सुबह जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने आगरा में ताजमहल के पास ताज सरंक्षित क्षेत्र में बनाई जा रही मल्टीलेवल पार्किंग को ढहाने के आदेश जारी कर दिए। वहीं इस आदेश के बाद शाम को यूपी सरकार की ओर से ऐश्वर्या भाटी ने बेंच के सामने आदेश वापस लेने और ढहाने के आदेश पर रोक लगाने की गुहार लगाई। लेकिन फिलहाल कोर्ट ने आदेश वापस लेने से इंकार करते हुए कहा कि सरकार पहले अर्जी दाखिल करे, फिर उस पर विचार किया जाएगा।

दरअसल पहले राज्य सरकार ने ही इस मल्टीलेवल दो मंजिला पार्किंग के लिए कोर्ट से  इजाजत के लिए अर्जी लगाई थी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वकील ना होने पर याचिकाकर्ता एमसी मेहता ने कहा कि ये पार्किंग बिना इजाजत बनाई जा रही है। इसी पर कोर्ट ने इसे ढहाने के आदेश जारी करते हुए आगरा के डीएम को चार हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि ये पार्किंग पर्यावरण के लिए खतरा हो सकती है।

गौरतलब है कि ये दो मंजिला पार्किंग पहले की अखिलेश सरकार के ताजमहल के ईस्ट गेट की तरफ बनाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शिल्पग्राम के प्रोजेक्ट का हिस्सा है। यूपी सरकार की अर्जी के मुताबिक करीब 11.5 एकड जमीन में बन रही इस पार्किंग में 404 कारों, 22 बसों, 260 दोपहिया और 60 इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पार्किंग प्रस्तावित है।

इस आदेश के बाद यूपी सरकार की ओर से ऐश्वर्या भाटी ने बेंच को बताया कि सुबह सुनवाई के दौरान उनकी ओर से वकील कोर्ट पहुंचा था लेकिन तब तक केस खत्म हो गया था। वो इस संबंध में आदेश वापस लेने की अर्जी दाखिल कर रही हैं इसलिए ढहाने के आदेश पर रोक लगाई जाए। लेकिन जस्टिस लोकुर ने कहा कि सरकार पहले अर्जी दाखिल करे, फिर विचार किया जाएगा। भाटी का कहना था कि पार्किंग के लिए सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी समेत विभागों की मंजूरी ली गई है।

गौरतलब है कि इससे पहले अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के हालात को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि क्या सरकार ताजमहल को नष्ट करना चाहती है ? क्या सरकार ने ताजमहल की तस्वीरों को देखा है कि वहां क्या हालात हैं ? अगर ऐसा है तो सरकार हलफनामा दाखिल कर कह सकती है कि वो ताजमहल को नष्ट करना चाहती है।

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