एच.आर.एल.एन के संस्थापक सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोन्जाल्विस को मिला वैकल्पिक नोबल पुरस्कार
सीनियर एडवोकेट और एचआऱएलएन के संस्थापक कॉलिन गोन्जाल्विस को 2017 का राइट लाइवलीहुड अवार्ड दिया गया है। इस अवॉर्ड को वैकल्पिक नोबल प्राइज भी कहा जाता है।
इसके लिए आधिकारिक प्रेस रिलीज जारी किया गया है जिसके मुताबिक गोन्जाल्विस को उनके अथक प्रयास और पिछले तीन दशक से लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए पीआईएल दाखिल करने के लिए पुरस्कृत किया गया है। जो लोग समाज में हाशिये पर हैं गरीब हैं और खतरे में हैं उनके लिए पीआईएल दाखिल करने के लिए उन्हें पुरस्कार दिया गया है।
1980 में स्थापित राइट लाइवलीहुड पुरस्कार की स्थापना की गई। इसके संस्थापक स्वीडिश जर्मन फिलियनथेरापिस्ट जैकब वैन यूक्सकुल ने महसूस किया था कि नोबल पुरस्कार से वंचित किया गया था इसलिए राइट लाइवलीहुड अवॉर्ड शुरू किया गया है। पूर्व नैशनल सिक्युरिटी एजेंसी कॉन्ट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन, ह्यूमैन राइट्स एक्टिविस्ट बियानका जेगर निकारगुआ, स्वीडिश चाइल्ड बुक राइटर एस्ट्रीड लिंडग्रेन को पहले ये पुरस्कार दिया जा चुका है।
स्वीडन के विदेश मंत्रालय के इंटरनैशनल प्रेस सेंटर में राइट लाइवलीहुड अवार्ड के एग्जेक्युटिव डायरेक्टर ओल वोन यूक्सकुल और जूरी मेंबर व यूएस के पूर्व राइट्स ऑफ फ्रीडम के स्पेशल रिपोर्टियोर मैना काई द्वारा पुरस्कार की घोषणा की गई।
गोन्जाल्विस ने आईआईटी बॉम्बे से बढ़ाई की जिसके बाद उन्होंने लॉ किया और 1982 में लॉ करने के बाद पीपुल लॉ सेंटर बनाया। 1980 के मध्यकाल में उन्होंने लोगों की सहायता के लिए काम करना शुरू किया और फिर 1989 में ह्यूमैन राइट्स लॉ नेटवर्क बनाया। तब से एचआऱएलएन लोगों के हक के लिए पीआईएल दाखिल करता रहा है। इसके कुल 28 ऑफिस हैं और 200 वकील इसके लिए काम करते हैं। ह्यूमैन राइट्स की रक्षा के लिए कई अर्जी दाखिलकी गई है। भारत में खतरनाक स्थिति में रहने वाले लोगों, बंधुओं मजदूरी, धार्मिक अल्पसंख्यक, शरणार्थी,झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए गरीब और हशिये पर रहने वाली महिलाओं के लिए संस्थान काम कर रही है।