अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद के वादकारी और निर्मोही अखाडे से मुख्य महंत भास्कर दास का शनिवार को दिल का दौरा पडने से निधन हो गया। वो 88 साल के थे।
गौरतलब है कि निर्मोही अखाडा अयोध्या में विवादित भूमि के तीन दावेदारों में से है। उत्तर प्रदेश, उतराखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बहुत सारे मंदिर अखाडे के हैं। दास को इससे पहले दो बार 2003 और 2007 में दिल का दौरा पड चुका था। महंत दास गोरखपुर के रानीडीह में 1929 में जन्मे थे। वो 16 साल की उम्र में ही अयोध्या में हनुमान गढी आ गए थे और महंत बलदेव दास के शिष्य बन गए थे। फिर वो भगवान राम को समर्पित अखाडे के पुजारी बनाए गए। 1986 में महंत बलदेव दास का निधन होने पर भास्कर दास को हनुमानगढी का महंत बनाया गया। 1993 में उन्हें निर्मोही अखाडे का मुखिया बनाया गया।