NRHM के ब्लॉक स्तर के कर्मियों को भी मिलेगी सालाना बढोतरी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया सुप्रीम कोर्ट का तोहफा
नेशनल रूरल हेल्थ मिशन यानी NRHM के तहत राजस्थान के ब्लाक स्तर पर कांट्रेक्ट पर काम करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार को उन्हें भी सालाना बढ़ोतरी देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश के साथ ही राजस्थान सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया है। सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
दरअसल इस मिशन के तहत राज्य स्तर और जिला स्तर पर ठेके पर काम करने वालों को सरकार की ओर से वेतन में सालाना बढोतरी दी जाती है। ब्लॉक स्तर पर काम करने वाले कर्मियों ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि 2007- 2008 से ही सरकार उन्हें सालाना बढोतरी नहीं दे रही है जबकि नियुक्ति के वक्त ही करार में ये शामिल था। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि ये सालाना बढोतरी इन कर्मियों को भी दी जाए। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि इन कर्मियों को बढोतरी देने से इंकार करना मनमाना, अनुचित और गैरवाजिब है।
इस आदेश को राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आदर्श गोयल और जस्टिस यू यू ललित की बेंच के सामने कर्मी की ओर से सरकार की अर्जी का विरोध करते हुए वकील एेश्वर्या भाटी ने कहा कि ये कदम इन लोगों के साथ भेदभाव है। हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता को आठ हजार रुपये प्रतिमाह पर रखा गया था। जिला और राज्य स्तर पर सालाना दस फीसदी के आधार पर बढोतरी होती है। एेसे में ये समानता के नियम के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को मानते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया।