जब बेंच इंतजार करती रही, याचिकाकर्ता आए ही नहीं, जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ याचिका खारिज
एेसा कम ही देखने को मिलता है जब कोई अपनी याचिका की जल्द सुनवाई की मांग करे और सुप्रीम कोर्ट दोपहर में ही सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच का गठन कर दे। लेकिन कोर्ट इंतजार करता रहे और याचिकर्ता की ओर से कोई पहुंचे ही ना।
शुक्रवार को एेसा ही वाक्या सामने आया जब नेशनल कैंपेन लायर्स फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटिबलिटी एंड रिफॉर्म्स की ओर से चीफ जस्टिस जे एस खेहर के सामने जस्टिस दीपक मिश्रा को चीफ जस्टिस बनने से अयोग्य करार दिए जाने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग की गई।
चीफ जस्टिस ने याचिका को देखते हुए जस्टिस ए के सिकरी और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की स्पेशल बेंच का गठन कर दिया। तय किया गया कि मामले की सुनवाई अन्य मामलों के बाद होगी।
दोपहर करीब एक बजे जस्टिस सिकरी बेंच ने नियमित सुनवाई पूरी की और फिर बेंच उठ गई। जस्टिस सिकरी और जस्टिस चंद्रचूड चेंबर में ही याचिकाकर्ताओं का इंतजार कर रहे लेकिन कोई नहीं आया। इसके बाद मैसेज दिया गया कि दो बजे बेंच सुनवाई करेगी।
लेकिन हैरत की बात ये है कि जज चेंबर में वकीलों के आने का इंतजार करते रहे तो कोर्ट मास्टर व स्टाफ कोर्टरूम में। हालात ये थे कि कोर्ट स्टाफ हर आने जाने वाले वकीलों व अन्य से केस से जुडे होने के बारे में पूछ रहे थे।
करीब 25 मिनट के इंतजार के बाद दोनों जज कोर्टरूम में आए और नॉन प्रॉसिक्यूशन के आधार पर याचिका को खारिज कर दिया।
अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एेसा लगता है कि याचिकाकर्ता की इस मामले में सुनवाई से ज्यादा मीडिया में सुर्खियां बटोरने की कोशिश है।
वहीं याचिकाकर्ता की ओर से मैथ्यूज नदूंपारा के मुताबिक कि उन्होंने क्लर्क से ध्यान रखने को कहा था और सारे वकील उस वक्त दिल्ली हाईकोर्ट में व्यस्त थे। क्लर्क ने उन्हें बताया तो लेकिन देरी से। तब तक याचिका खारिज हो चुकी थी।