सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट ऑन रेकॉर्ड मोहित चौधरी की माफी को स्वीकार करते हुए कंटेप्ट चार्ज को खत्म कर दिया लेकिन साथ ही निर्देश दिया कि मोहित चौधरी एक महीने तक प्रैक्टिस नहीं करेंगे।
7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई वाली बेंच ने चौधरी को इस बात को लेकर खिंचाई की थी कि चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री पर आऱोप लगाया था कि वहां मैनुपुलेशन होता है। मामले को सूचीबद्ध किए जाने को लेकर पक्षपात होता है। कोर्ट ने तब एडवोकेट को चेतावनी देते हुए कंटेप्ट कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी थी और कहा था कि इस व्यवहार के लिए सीधे जेल भेजा जा सकता है। अदालत ने कहा कि रजिस्ट्री पर इस तरह के आरोप लगाने के लिए उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए। आप एडवोकेट ऑन रेकॉर्ड हैं। आपको पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री किस तरह से काम करती है। आपका आरोप कंटेप्ट ऑफ कोर्ट है। आप कंटेप्ट नोटिस लें और जवाब दाखिल करें। आपको सीधे जेल भेजा जा सकता है।
बेंच ने कहा कि न्यायिक आदेश जारी किया गया था और मामले को लिस्ट करने के लिए कहा गया था लेकिन जब रजिस्ट्री ने लिस्ट किया तो आरोप लगाया गया कि मैन्युपुलेशन हुआ है। कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के आदेश से स्पेशल बेंच के सामने मामला लिस्ट किया गया। लेकिन आपने रजिस्ट्री पर आरोप लगाया। आप समझते हैं कि आप लोग कुछ भी बोल सकते हैं। आप ऐसा नहीं कर सकते और आपको इस पर खेद होना चाहिए।
कोर्ट ने ये टिप्पणी तब कि जब चौधरी की ओऱ से कहा गया कि ये मामला लिस्ट के लिए रखा गया था लेकिन उसे मैन्युुपुलेशन करके स्पेशल बेंच के सामने भेज दिया गया। कोर्ट ने वकील को भविष्य के लिए चेतावनी दी और कहा कि आप जो भी बोलें सोच समझकर बोलें। कोर्ट ने कहा कि ये क्या मैन्युपुलेशन हो गया। तब वकील ने कहा कि मामला रेग्युलर बेंच के लिए था लेकिन स्पेशल बेंच के सामने लिस्ट किया गया।