झारखंड हाईकोर्ट ने वाटसएप ग्रुप के दो प्रशासकों को जमानत दे दी है। दोनों पर वाटसएप ग्रुप के जरिए धार्मिक भावनाएं भडकाने के आरोप में IPC की धारा 295 A के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस एक्ट के तहत जानबूझकर और दुर्भावना से धार्मिक भावनाएं भडकाने से तहत सजा का प्रावधान है।
हाईकोर्ट पहुंचे दोनों लोग लॉ फर्म नामक वाटसएप ग्रुप के प्रशासन थे। दोनों उस वक्त विवादों में घिर गए जब ये आरोप लगा कि इनमें से एक ने ग्रुप में जानबूझकर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की।
जस्टिस अनिल कुमार चौधरी ने फैसला देते हुए कहा कि ये कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने देहाती होने और अज्ञानता के चलते सहआरोपी बिरजू रविदास के मैसेज का जवाब नहीं दिया। एेसे में आरोपी बेकसूर है और उसे अग्रिम जमानत का विशेषाधिकार दिया जा सकता है।
इस मामले को हाईकोर्ट ने दोनों ही आरोपियों को अग्रिम जमानत देने के लिए उपयुक्त केस माना और निर्देश दिया कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाए तो जमानत पर रिहा किया जाए।