आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने स्पष्टीकरण जारी किया है और सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बारे में विस्तार से प्रेस रिलीज जारी कर जजमेंट की व्याख्या की और उसके प्रभाव के बारे में शनिवार को विस्तार से बताया है।
1. एक जुलाई से सभी लोग आईटी रिटर्न के लिए और पैन कार्ड के लिए आधार नंबर या एनरॉल्टमेंट नंबर आईडी बताएंगे।
2 जिनके पास पैन और आधार दोनों हैं वह आईटी अथॉरिटी को बताएंगे ताकि पैन कार्ड के आधार लिंक किया जा सके।
3 सुप्रीम कोर्ट से आंशिक राहत उनको है जिनके पास आधार नहीं है और वह फिलहाल अाधार नहीं चाहते उनका पैन कार्ड कैंसल नहीं होगा और ऐसे में अन्य बाकी प्रभाव का सवाल नहीं उठेगा।
बिनय विश्वम से संबंधित वाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आईटी एक्ट की धारा-139 एए को वैलिड करार दिया है लेकिन कहा है कि आधार पर संवैधानिक बेंच के फैसले पर इसका प्रभाव निर्भर करेगा।
सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के मुख्य बिंदु
1 आधार एक्ट और आईटी एक्ट की धारा-139 एए में कोई टकराव नहीं है।
2 आईटी एक्ट की धारा-139 एए कोई भेदभाव पैदा नहीं करता और यह संविधान के समानता के अधिकार यानी अनुच्छेद-14 का उल्लंघन नहीं करता।
3 पैन के लिए आधार मांगे जाने की अनिवार्यता किया जाना भी संंविधान के अनुच्छेद-19 (1)(जी) का उल्लंघन नहीं करता। साथ ही आईटी एक्ट प्रोस्पेक्टिव इफेक्ट रखता है यानी बाद के मामले में ये लागू होगा।
4 आधार एक्ट से संंबंधित सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक बेंच के फैसले पर आईटी एक्ट की धारा139 एए का प्रभाव निर्भर करेगा यानी इसके ऑपरेशन पर आंशिक रोक संवैधानिक बेंच के फैसले तक होगा और उसके फैसले पर निर्भर करेगा।
1. एक जुलाई से सभी लोग आईटी रिटर्न के लिए और पैन कार्ड के लिए आधार नंबर या एनरॉल्टमेंट नंबर आईडी बताएंगे।
2 जिनके पास पैन और आधार दोनों हैं वह आईटी अथॉरिटी को बताएंगे ताकि पैन कार्ड के आधार लिंक किया जा सके।
3 सुप्रीम कोर्ट से आंशिक राहत उनको है जिनके पास आधार नहीं है और वह फिलहाल अाधार नहीं चाहते उनका पैन कार्ड कैंसल नहीं होगा और ऐसे में अन्य बाकी प्रभाव का सवाल नहीं उठेगा।
बिनय विश्वम से संबंधित वाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आईटी एक्ट की धारा-139 एए को वैलिड करार दिया है लेकिन कहा है कि आधार पर संवैधानिक बेंच के फैसले पर इसका प्रभाव निर्भर करेगा।
सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के मुख्य बिंदु
1 आधार एक्ट और आईटी एक्ट की धारा-139 एए में कोई टकराव नहीं है।
2 आईटी एक्ट की धारा-139 एए कोई भेदभाव पैदा नहीं करता और यह संविधान के समानता के अधिकार यानी अनुच्छेद-14 का उल्लंघन नहीं करता।
3 पैन के लिए आधार मांगे जाने की अनिवार्यता किया जाना भी संंविधान के अनुच्छेद-19 (1)(जी) का उल्लंघन नहीं करता। साथ ही आईटी एक्ट प्रोस्पेक्टिव इफेक्ट रखता है यानी बाद के मामले में ये लागू होगा।
4 आधार एक्ट से संंबंधित सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक बेंच के फैसले पर आईटी एक्ट की धारा139 एए का प्रभाव निर्भर करेगा यानी इसके ऑपरेशन पर आंशिक रोक संवैधानिक बेंच के फैसले तक होगा और उसके फैसले पर निर्भर करेगा।