अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केंद्र सरकार से कहा है कि बतौर अटॉर्नी जनरल उनका कार्यकाल आगे न बढ़ाया जाए। एनडीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके लिए अटॉर्नी जनरल ने केंद्र सरकार को लेटर लिखकर कहा है कि वह अपने कार्यकाल को आगे नहीं बढ़ाना चाहते।
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने मीडिया कर्मियों को बताया कि मैने पांच साल बाजयेपी सरकार के समय बतौर लॉ ऑफिसर काम किया था और अब मौजूदा सरकार में तीन साल बतौर अटॉर्नी जनरल काम किया है लेकिन अब वह प्राइवेट प्रैक्टिस करना चाहते हैं। सरकार से उनका बेहतर संबंध हैं लेकिन सरकार को लिखकर कहा है कि उनका कार्यकाल न बढ़ाया जाए। उन्हें अपने कार्यकाल में सिर्फ इस बात का अफसोस रहेगा कि सुप्रीम कोर्ट ने एनजेएसी को खारिज कर दिया था।
केंद्र सरकार ने मुकुल रोहतगी का कार्यकाल पिछले हफ्ते बढ़ा दिया था साथ ही सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार और अन्य पांच लॉ ऑफिसरों का कार्यकाल बढ़ाया गया था। वह 14 वें अटॉर्नी जनरल बनाए गए थे। बताया जाता है कि मुकुल रोहतगी केंद्रीय मेंत्री अरुण जेटली के काफी करीबी हैं और जब पहली बार बाजयेपी सरकार में जेटली लॉ मिनिस्टर बने थे तब मुकुल रोहतगी को अडिशनल सॉलिसिटर जनरल बनाया गया था और वह सुप्रीम कोर्ट में आ गए थे।