उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर लगाई रोक, रिजर्वेशन रोटेशन नियमों पर विवाद
Amir Ahmad
25 Jun 2025 3:36 PM IST

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य में प्रस्तावित पंचायत चुनावों की सभी कार्यवाहियों पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह आदेश इसलिए दिया, क्योंकि राज्य सरकार ने चुनावों के लिए नए आरक्षण रोटेशन नियमों की अधिसूचना अभी तक राजपत्र (गजट) में प्रकाशित नहीं की थी।
चीफ जस्टिस जी. नरेंद्र और जस्टिस आलोक मेहरा की खंडपीठ ने यह आदेश उन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिया, जिनमें राज्य सरकार द्वारा पुराने रिजर्वेशन रोटेशन सिस्टम रद्द कर तत्काल प्रभाव से नया सिस्टम लागू करने के निर्णय को चुनौती दी गई थी।
गौरतलब है कि राज्य में तीन-स्तरीय पंचायत चुनाव दो चरणों में 10 और 15 जुलाई को 12 जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में होने थे। नामांकन प्रक्रिया 25 जून से शुरू होनी थी और मतगणना 9 जुलाई को प्रस्तावित थी।
याचिकाकर्ता गणेश कंडपाल, जिनकी ओर से एडवोकेट शोभित सहारिया ने अदालत में पक्ष रखा ने दलील दी कि सरकार द्वारा लागू किया गया नया रिजर्वेशन रोटेशन सिस्टम पहले के अदालती निर्देशों और उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम 2016 की धारा 126 का उल्लंघन करता है।
याचिका में कहा गया कि वर्तमान नीति के अनुसार कोई भी निर्वाचन क्षेत्र किसी विशेष आरक्षित वर्ग के लिए लगातार तीन कार्यकालों तक आरक्षित रहता है और फिर उसे रोटेट किया जाता है। लेकिन सरकार ने इस प्रणाली को हटाकर नया सिस्टम लागू कर दिया, जिससे कई ऐसी सीटें जो पहले ही तीन बार आरक्षित रह चुकी हैं, उन्हें फिर से आरक्षित किया गया। इससे उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिल रहा है, जो रोटेशन की मूल भावना के खिलाफ है।
कोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने नामांकन प्रक्रिया सहित सभी चुनाव संबंधी कार्यवाहियों को स्थगित कर दिया।
इसी बीच मंगलवार को राज्य सरकार ने मामले का उल्लेख किया और बताया कि नई आरक्षण प्रणाली की अधिसूचना वास्तव में 14 जून को राजपत्र में प्रकाशित की जा चुकी है लेकिन 'संचार में कमी' के कारण वह अधिसूचना पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष पेश नहीं की जा सकी।
राज्य के एडवोकेट जनरल एस.एन. बाबुलकर ने अधिसूचना की प्रति कोर्ट में प्रस्तुत की, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आज की तारीख तय की थी।

