उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के कई मतदाता सूचियों में नाम होने पर भी उम्मीदवारों को पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति देने के फैसले पर रोक लगाई

Shahadat

14 July 2025 6:01 AM

  • उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के कई मतदाता सूचियों में नाम होने पर भी उम्मीदवारों को पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति देने के फैसले पर रोक लगाई

    उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य चुनाव आयोग (SIC) द्वारा जारी उस स्पष्टीकरण पर रोक लगा दी, जिसमें उम्मीदवारों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई, भले ही उनके नाम कई मतदाता सूचियों में हों।

    न्यायालय ने पाया कि यह स्पष्टीकरण प्रथम दृष्टया, उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम, 2016 के स्पष्ट प्रावधानों, विशेष रूप से धारा 9 की उप-धारा (6) और उप-धारा (7) के विपरीत प्रतीत होता है।

    बता दें, राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी स्पष्टीकरण नीचे पुन: प्रस्तुत है:

    "किसी उम्मीदवार का नामांकन पत्र केवल इस आधार पर अस्वीकार नहीं किया जाएगा कि उसका नाम एक से अधिक ग्राम पंचायत/प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों/नगरपालिका निकायों की मतदाता सूची में शामिल है।"

    न्यायालय ने यह आदेश एक याचिका पर विचार करते हुए पारित किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां उम्मीदवारों, जिनके नाम कई मतदाता सूचियों में पाए जाते हैं, उसको चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाती है। इस संबंध में की गई शिकायतों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने उक्त स्पष्टीकरण जारी किया था।

    हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि यह स्पष्टीकरण 2016 के अधिनियम की धारा 9(6) और 9(7) द्वारा लगाए गए वैधानिक प्रतिबंध के सीधे विपरीत है।

    बता दें, ये प्रावधान नीचे पुन: प्रस्तुत हैं:

    1. धारा 9(6): "कोई भी व्यक्ति एक से अधिक प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में या एक ही प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में एक से अधिक बार रजिस्टर्ड होने का हकदार नहीं होगा।"

    2. धारा 9(7): "कोई भी व्यक्ति किसी प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में पंजीकृत होने का हकदार नहीं होगा यदि उसका नाम किसी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत या छावनी से संबंधित किसी मतदाता सूची में दर्ज है, जब तक कि वह यह न दर्शा दे कि उसका नाम ऐसी मतदाता सूची से हटा दिया गया।"

    न्यायालय ने आगे कहा कि जब क़ानून स्पष्ट रूप से एक से अधिक प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों या एक से अधिक मतदाता सूची में मतदाता के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाता है और यह वैधानिक प्रतिबंध है तो राज्य चुनाव आयोग द्वारा अब दिया गया स्पष्टीकरण "धारा 9 की उप-धारा (6) और उप-धारा (7) के तहत प्रतिबंध के विरुद्ध प्रतीत होता है।"

    इस प्रकार, स्पष्टीकरण पर रोक लगाते हुए पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त के लिए स्थगित कर दी।

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