जब भी किसी व्यक्ति को दंडित किया जाता है तब न्यायालयीन प्रक्रिया में विचारण करना होता है। बगैर विचारण के किसी भी अपराधी को दंडित नहीं किया जा सकता। यदि ऐसा किया जाता है तो यह मानव अधिकारों एवं...