BREAKING| बहराइच हिंसा मामले में आरोपियों के मकानों के खिलाफ जारी ध्वस्तीकरण नोटिस पर कल तक कार्रवाई नहीं की जाएगी : यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया

Shahadat

22 Oct 2024 11:57 AM IST

  • BREAKING| बहराइच हिंसा मामले में आरोपियों के मकानों के खिलाफ जारी ध्वस्तीकरण नोटिस पर कल तक कार्रवाई नहीं की जाएगी : यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया

    उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार (22 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अधिकारी बहराइच के कुछ निवासियों के मकानों के खिलाफ जारी ध्वस्तीकरण नोटिस पर कल यानी बुधवार तक कार्रवाई नहीं करेंगे, जिन पर दंगा करने का आरोप है।

    एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने राज्य की ओर से जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष यह दलील दी, जिसके समक्ष प्रस्तावित ध्वस्तीकरण के खिलाफ सुरक्षा की मांग करने वाली अर्जी का उल्लेख किया गया।

    गौरतलब है कि पिछले सप्ताह यूपी के बहराइच शहर में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। हाल ही में अधिकारियों ने दंगों से संबंधित FIR में आरोपी के रूप में नामित कुछ व्यक्तियों के मकानों को ध्वस्त करने के लिए नोटिस जारी किए, यह आरोप लगाते हुए कि उनके निर्माण अवैध थे। उनमें से तीन ने रविवार को उस दिन (20 अक्टूबर) प्रस्तावित ध्वस्तीकरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की।

    सीनियर एडवोकेट चंद्र उदय सिंह ने आज पीठ के समक्ष आवेदन का उल्लेख किया।

    उल्लेखनीय है कि इसी पीठ ने 17 सितंबर को अंतरिम आदेश पारित किया था कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना किसी भी निर्माण को बुलडोजर से नहीं गिराया जाना चाहिए, सिवाय उन निर्माणों के जो सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण कर रहे हैं।

    हाल ही में इसी पीठ ने विभिन्न राज्य प्राधिकरणों द्वारा "बुलडोजर कार्रवाई" के खिलाफ निर्देश मांगने वाली याचिकाओं के समूह पर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसके तहत अपराध के आरोपी व्यक्तियों के घरों को दंडात्मक कार्रवाई के रूप में ध्वस्त कर दिया जाता है।

    सिंह के उल्लेख के जवाब में राज्य के वकील ने पीठ को सूचित किया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट भी बुलडोजर कार्रवाई से संबंधित मामले पर विचार कर रहा है।

    रविवार को तत्काल सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने नोटिस का जवाब देने के लिए व्यक्तियों को 15 दिन का और समय दिया।

    जस्टिस गवई ने राज्य को चेतावनी देते हुए कहा,

    "यदि वे (यूपी अधिकारी) हमारे आदेश का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहते हैं तो यह उनकी मर्जी है।"

    जस्टिस गवई ने कहा कि न्यायालय कल (बुधवार) आवेदन पर विचार करेगा और एएसजी से कार्रवाई स्थगित करने को कहा। जवाब में एएसजी ने कहा कि कल तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

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