उमर खालिद ने ट्रायल कोर्ट से नए सिरे से जमानत लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका वापस ली
Shahadat
14 Feb 2024 12:44 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (14 फरवरी) को दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में पूर्व जेएनयू स्कॉलर और एक्टिविस्ट उमर खालिद की जमानत याचिका वापस ली हुई मानते हुए खारिज कर दी।
खालिद की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि "परिस्थितियों में बदलाव" के मद्देनजर और ट्रायल कोर्ट के समक्ष नए सिरे से जमानत मांगने के लिए याचिका वापस ली जा रही है।
सिब्बल ने कहा,
"जमानत मामला हम वापस लेना चाहते हैं। परिस्थितियों में बदलाव आया है। हम ट्रायल कोर्ट में अपनी किस्मत आजमाएंगे।"
जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने याचिका वापस ली हुई मानते हुए खारिज कर दी।
सिब्बल ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह UAPA Act के प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली खालिद द्वारा दायर अलग रिट याचिका पर बहस करेंगे।
वह सितंबर, 2020 से सलाखों के पीछे हैं और राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के आसपास की बड़ी साजिश में कथित संलिप्तता के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA Act) के तहत अपने मुकदमे की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
खंडपीठ खालिद की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अक्टूबर 2022 में उसे जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। पूर्व जेएनयू स्टूडेंट ने आतंकवाद विरोधी कानून के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देते हुए संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिका भी दायर की।
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को UAPA Act के प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली पिछली याचिकाओं के साथ टैग किया। बाद में इसने खालिद की जमानत अर्जी के साथ UAPA Act के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने का फैसला किया था।
केस का शीर्षक- उमर खालिद बनाम दिल्ली एनसीटी राज्य | विशेष अनुमति याचिका (आपराधिक) संख्या 6857 2023