सहानुभूति के आधार पर नियुक्ति को अतार्किक स्तर तक नहीं खींचा जा सकता : सुप्रीम कोर्ट ने 33 एकड़ ज़मीन और HIG हाउस वाले व्यक्ति की याचिका खारिज की

Amir Ahmad

18 Jun 2025 3:58 PM IST

  • सहानुभूति के आधार पर नियुक्ति को अतार्किक स्तर तक नहीं खींचा जा सकता : सुप्रीम कोर्ट ने 33 एकड़ ज़मीन और HIG हाउस वाले व्यक्ति की याचिका खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून को एक विशेष अनुमति याचिका (SLP) खारिज की, जिसमें राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देती थी। हाईकोर्ट के इस आदेश में याचिकाकर्ता की सहानुभूति के आधार पर नियुक्ति की मांग को ठुकरा दिया गया था।

    जस्टिस उज्जल भुयान और जस्टिस मनमोहन की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की दलीलों को खारिज करते हुए सवाल उठाया कि इस प्रकार के मामलों में सहानुभूति के आधार पर नियुक्ति की मांग कैसे की जा सकती है।

    जस्टिस भुयान ने टिप्पणी की,

    “आप सहानुभूति नियुक्तियों को अतार्किक सीमा तक नहीं खींच सकते। आप केंद्रीय उत्पाद शुल्क के प्रिंसिपल कमिश्नर के पुत्र हैं। ऐसे में सहानुभूति नियुक्ति का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।”

    जस्टिस मनमोहन ने कहा,

    मैडम, आपके पास 33 एकड़ जमीन के रूप में रिहायशी संपत्ति है, जयपुर में HIG हाउस है। आपकी कृषि से वार्षिक आय है और आप 5,000 भी प्राप्त कर रहे हैं।”

    आदेश:

    "हमें अपील योग्य आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई उचित कारण नहीं दिखता। देरी और विषय वस्तु के आधार पर याचिका खारिज की जाती है।"

    याचिकाकर्ता का मामला यह था कि उसके पिता केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में प्रिंसिपल कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे और 27 अगस्त, 2015 को सेवा में रहते हुए उनका निधन हो गया था।

    पिता की मृत्यु के बाद याचिकाकर्ता ने सहानुभूति नियुक्ति की मांग की, जिसे विभाग और फिर ट्रिब्यूनल द्वारा यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया गया कि उनकी मां को 85,000 की पारिवारिक पेंशन मिल रही है। साथ ही, यह भी कहा गया कि परिवार के पास गांव में रिहायशी मकान, 33 एकड़ कृषि भूमि और जयपुर में HIG हाउस है।

    इसके विरुद्ध याचिकाकर्ता ने राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया, जहां से उसकी याचिका पहले ही खारिज हो चुकी थी।

    टाइटल: RAVI KUMAR JEPH v. JOINT DIRECTOR AND ANR. | डायरी संख्या: 25916-2025

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