हाईकोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा डिवीजन बेंच की CBI जांच पर रोक खारिज करने का मामला सुप्रीम कोर्ट ने अपने पास ट्रांसफर किया

Shahadat

29 Jan 2024 11:14 AM GMT

  • हाईकोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा डिवीजन बेंच की CBI जांच पर रोक खारिज करने का मामला सुप्रीम कोर्ट ने अपने पास ट्रांसफर किया

    सुप्रीम कोर्ट की 5-जजों की पीठ ने सोमवार (29 जनवरी) को कलकत्ता हाईकोर्ट से उस मामले को अपने पास ट्रांसफल कर लिया, जिसमें हाईकोर्ट की एकल पीठ द्वारा CBI जांच पर खंडपीठ द्वारा पारित स्थगन आदेश खारिज करने के बाद असामान्य घटनाक्रम हुआ था।

    कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने 26 जनवरी को पश्चिम बंगाल राज्य में मेडिकल एडमिशन में कथित अनियमितताओं को लेकर दिए गए सीबीआई जांच पर रोक लगाने वाले खंडपीठ द्वारा पारित आदेश को नजरअंदाज करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था।

    सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार की विशेष सुनवाई में एकल पीठ के समक्ष रिट याचिका और खंडपीठ के समक्ष लेटर्स पेटेंट अपील की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का फैसला किया। मामले को तीन हफ्ते बाद सूचीबद्ध किया गया।

    पश्चिम बंगाल राज्य की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि एकल न्यायाधीश भी इसी तरह के आदेश पारित करते रहे हैं।

    सिब्बल ने कहा,

    "जज अभी भी इन मामलों को ले रहे हैं, भविष्य में भी वह ऐसा ही करेंगे। क्या किया जाना चाहिए?"

    उन्होंने कहा कि राज्य ने सार्वजनिक बैठक और रैलियों को दिखाने वाले दस्तावेजों का संकलन दाखिल किया है, जिसमें कथित तौर पर न्यायाधीश ने भाग लिया था।

    टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की ओर से पेश सीनियर वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ को पिछले साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश की याद दिलाई, जब एकल न्यायाधीश ने विचाराधीन मामले के बारे में टीवी इंटरव्यू दिया था।

    सीजेआई चंद्रचूड़ ने वकीलों से अपील की कि वे जज पर आक्षेप लगाने वाली टिप्पणियां करने से बचें।

    सीजेआई ने कहा,

    "ऐसा न करें...आखिरकार हम हाईकोर्ट जज के साथ काम कर रहे हैं...किसी भी जज पर आक्षेप लगाना अनुचित होगा...हम यहां जो कुछ भी कहेंगे वह हाईकोर्ट की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचाएगा।"

    सीजेआई ने कहा,

    "यह हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैंस जो मामलों का आवंटन कर रहे हैं। आइए हम उनकी शक्तियों का अहंकार न करें।"

    राज्य ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर एकल पीठ के सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती दी। एससी/एसटी स्टूडेंट के महासंघ की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा कि वे झूठे जाति प्रमाणपत्रों के आधार पर राज्य में मेडिकल एडमिशन में कथित अनियमितताओं को उजागर करते हुए अलग याचिका भी दायर करेंगे।

    सुनवाई में पश्चिम बंगाल राज्य की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य भी सीबीआई जांच के प्रारंभिक एकल पीठ के आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दायर कर रहा है। टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वह भी एकल न्यायाधीश के आदेश से व्यथित हैं, क्योंकि सभी मामलों में उनका उल्लेख किया गया।

    सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रस्तुत किया कि जिस तरह से डिवीजन बेंच ने स्थगन आदेश पारित किया, वह आपत्तिजनक है, क्योंकि उचित अपील ज्ञापन के बिना भी अपील पर विचार किया गया।

    केस टाइटल: पुनः: कलकत्ता हाईकोर्ट के दिनांक 24.01.2024 और 25.01.2024 के आदेश और सहायक मुद्दे।

    केस नंबर: एसडब्ल्यूएम(सी) नंबर 1/2024

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