विधानसभा स्पीकर के फैसले के खिलाफ Shivsena (UTB) और शरद पवार-NCP की याचिकाओं पर 7 अगस्त को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Shahadat

30 July 2024 7:39 AM GMT

  • विधानसभा स्पीकर के फैसले के खिलाफ Shivsena (UTB) और शरद पवार-NCP की याचिकाओं पर 7 अगस्त को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

    Shivsena-UTB (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट द्वारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के विधायकों के खिलाफ दायर चुनाव अयोग्यता याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 7 अगस्त को सुनवाई तय की है।

    UTB सदस्य सुनील प्रभु ने अनुच्छेद 136 के तहत विशेष अनुमति याचिका दायर की है, जिसमें महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर द्वारा 10.01.2024 को पारित आदेश को चुनौती दी गई। उक्त आदेश में शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था।

    सुनील प्रभु की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया, जिसमें मामले की लिस्टिंग पर स्पष्टता मांगी गई।

    याद रहे कि सोमवार को न्यायालय ने अजित पवार के NCP गुट को अयोग्य ठहराने से स्पीकर के इनकार को चुनौती देने वाली नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP-शरद पवार) की याचिका को लंबित शिवसेना UTB की चुनौती के साथ जोड़ दिया था।

    प्रक्रियागत आदेश की ओर इशारा करते हुए सिब्बल ने कहा कि चूंकि NCP मामले को सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया, इसलिए मामलों को एक साथ जोड़ने से वर्तमान UTB चुनौती की सुनवाई में देरी होगी, जो पहले 6 अगस्त के लिए तय की गई थी।

    सीजेआई ने स्पष्ट किया कि NCP मामले को शिवसेना मामले के साथ जोड़ दिया गया।

    न्यायालय ने सिब्बल के अनुरोध पर सहमति जताई कि मामले को 7 अगस्त को सुना जाए। इस प्रकार, एनसीपी और शिवसेना दोनों मामलों की सुनवाई 7 अगस्त को होगी।

    पिछली सुनवाई में सीजेआई ने कहा था कि पीठ पहले प्रतिवादियों को सुनवाई के मुद्दे पर सुनेगी।

    उल्लेखनीय है कि शिंदे गुट ने पहले भी बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें महाराष्ट्र स्पीकर के उसी आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें उन्होंने उद्धव समूह के विधायकों को अयोग्य ठहराने से इनकार किया था।

    स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिंदे और ठाकरे दोनों समूहों द्वारा एक दूसरे के खिलाफ दायर की गई अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया। स्पीकर ने माना कि शिंदे समूह 'असली' शिवसेना है, इस आधार पर कि जून 2022 में प्रतिद्वंद्वी गुटों के उभरने के समय उनके पास विधायी बहुमत (विधायकों का बहुमत) था। स्पीकर ने शिंदे द्वारा नियुक्त व्हिप को शिवसेना पार्टी के आधिकारिक व्हिप के रूप में भी मान्यता दी और माना कि शिंदे समूह के विधायकों द्वारा व्हिप का कोई उल्लंघन नहीं किया गया।

    उद्धव सेना ने चुनौती दी कि स्पीकर का फैसला 'विधायक दल' की अवधारणा को 'राजनीतिक दल' के साथ जोड़कर सुभाष देसाई बनाम महाराष्ट्र के राज्यपाल में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करता है।

    केस टाइटल: सुनील प्रभु बनाम एकनाथ शिंदे एसएलपी (सी) संख्या 1644-1662/2024

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