सुप्रीम कोर्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री पर टिप्पणी को लेकर सांसद संजय सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाई

Shahadat

16 Jan 2024 11:40 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री पर टिप्पणी को लेकर सांसद संजय सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाई

    सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री के संबंध में गुजरात यूनिवर्सिटी के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह के खिलाफ लंबित आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाई।

    जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने मामले को गुजरात से बाहर ट्रांसफर करने की सिंह की याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए अंतरिम राहत देने के सवाल को 4 सप्ताह के भीतर गुजरात हाईकोर्ट पर विचार करने के लिए छोड़ दिया। इस दौरान, ट्रायल कोर्ट के समक्ष मानहानि के मामले पर रोक लगा दी गई।

    सीनियर एडवोकेट डॉ. एएम सिंघवी सिंह की ओर से पेश हुए और कहा कि हाईकोर्ट के समक्ष सिंह की स्थगन याचिका लंबित होने के बावजूद ट्रायल जज कार्यवाही जारी रखे हुए हैं। यह आग्रह किया गया कि सिंह द्वारा प्रतिवादी नंबर 1/गुजरात यूनिवर्सिटी, जो मामले में शिकायतकर्ता है, उसके खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा गया।

    ट्रायल कोर्ट के समक्ष मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री के संबंध में सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई कथित टिप्पणियों पर गुजरात यूनिवर्सिटी की शिकायत से संबंधित है। शिकायत में AAP नेताओं पर प्रेस कॉन्फ्रेंस और ट्विटर हैंडल पर पीएम मोदी की डिग्री को लेकर यूनिवर्सिटी को निशाना बनाने वाले व्यंग्यात्मक और अपमानजनक बयान देने का आरोप लगाया गया।

    इसके बाद, केजरीवाल और सिंह को गुजरात की मजिस्ट्रेट अदालत ने तलब किया। पिछले साल अप्रैल में प्रथम दृष्टया दोनों को गुजरात यूनिवर्सिटी को निशाना बनाने का दोषी पाया गया था। समन जारी करने के खिलाफ नेताओं द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को सितंबर, 2023 में अहमदाबाद की सत्र अदालत ने खारिज कर दिया था।

    जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने दलीलें सुनने के बाद आदेश दिया,

    "हम इस स्तर पर ट्रांसफर याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। हालांकि, न्याय के हित में हम हाईकोर्ट से अनुरोध करते हैं कि वर्तमान याचिकाकर्ता द्वारा ट्रायल जज के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका पर फैसला किया जाए या आज से 4 सप्ताह की अवधि के भीतर अंतरिम राहत के लिए कम से कम प्रार्थना की जाए। हम आगे निर्देश देते हैं कि अंतरिम राहत देने या इनकार करने पर हाईकोर्ट के निर्णय तक ट्रायल जज के समक्ष कार्यवाही स्थगित रहेगी।

    केस टाइटल: संजय सिंह बनाम डॉ. पीयूष एम. पटेल और अन्य, टी.पी.(सीआरएल) 16/2024

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