सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच के कर्मचारियों के लिए कम वेतनमान पर गोवा के मुख्य सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा

Shahadat

25 July 2024 10:28 AM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच के कर्मचारियों के लिए कम वेतनमान पर गोवा के मुख्य सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा

    सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा दिए गए वेतन उन्नयन के निर्देशों का क्रियान्वयन न किए जाने पर गोवा सरकार के मुख्य सचिव से जवाब मांगा।

    भारतीय संविधान के अनुच्छेद 229 के तहत वेतनमान उन्नयन के लिए जारी निर्देश बॉम्बे हाईकोर्ट के ग्रुप ए और बी सचिवालय कर्मचारियों के लिए है। आवेदकों- सेवानिवृत्त हाईकोर्ट कर्मचारियों (गोवा शाखा) की शिकायत है कि महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे, औरंगाबाद और नागपुर बेंच के लिए इन निर्देशों का अनुपालन किया, जबकि गोवा सरकार ने गोवा बेंच के लिए उन्हें अस्वीकार कर दिया। वर्तमान आवेदकों ने बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा अनुमोदित वेतन उन्नयन नियमों को लागू करने के लिए गोवा सरकार को निर्देश देने की मांग की।

    3 जून 2023 को अधिसूचित अपने नियमों में गोवा सरकार ने यह दावा करते हुए नियम बनाए कि वे संविधान के अनुच्छेद 229 के तहत हाईकोर्ट के हित में बनाए गए हैं।

    हालांकि, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने बताया कि ये नियम बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा गोवा सरकार को मूल रूप से प्रस्तुत किए गए नियमों से काफी भिन्न हैं।

    कहा गया,

    "ऐसा प्रतीत होता है कि जिन नियमों को अधिसूचित किया गया, उनमें एक प्रारंभिक कथन है कि ये नियम संविधान के अनुच्छेद 229 के तहत प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग में हाईकोर्ट के हित में बनाए गए हैं। हालांकि, ये नियम चीफ जस्टिस के अधिकार के तहत गोवा सरकार को प्रस्तुत किए गए नियमों से पूरी तरह से भिन्न हैं।"

    इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए न्यायालय ने गोवा के मुख्य सचिव को यूनियन ऑफ इंडिया बनाम एसबी वोहरा के निर्णय में स्थापित कानून के स्पष्ट उल्लंघन को स्पष्ट करते हुए व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का आदेश दिया।

    कोर्ट ने कहा,

    "राज्य सरकार को इस न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के उल्लंघन के बारे में प्रथम दृष्टया जो प्रतीत होता है, उसे दायर करने का अवसर प्रदान करने के लिए हम अब निर्देश देते हैं कि कार्यवाही सोमवार को सूचीबद्ध की जाए। मुख्य सचिव सूचीबद्ध होने की अगली तिथि पर इन कार्यवाहियों में एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर करेंगे।"

    उल्लेखनीय है कि गोवा सरकार के इस निर्णय को हाईकोर्ट के कर्मचारियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट, गोवा के समक्ष रिट याचिका में चुनौती दी। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होनी है। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि वह लंबित चुनौती पर सुनवाई करने से हाईकोर्ट को प्रतिबंधित नहीं करेगी।

    रिटायर कर्मचारियों की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट आत्माराम एनएस नादकर्णी ने एओआर साल्वाडोर रेबेलो के साथ न्यायालय से राज्य सरकार के गैर-अनुपालन पर स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नियमों में भिन्नता गोवा शाखा के कर्मचारियों और बॉम्बे हाईकोर्ट की शेष शाखाओं के बीच वेतन असमानता का कारण बनेगी।

    आगे कहा गया,

    "मजेदार स्थिति देखिए - गोवा से बॉम्बे जाने वाले कर्मचारी को अधिक वेतन मिलेगा। बॉम्बे से गोवा आने वाले कर्मचारियों को कम वेतन मिलेगा, यह क्या है? यह पूरी व्यवस्था का मजाक है। राज्य सरकार कहती है कि हम बॉम्बे हाईकोर्ट, एक भारतीय राष्ट्रीय संस्थान की बात नहीं सुनेंगे। मुझे लगता है कि माननीय न्यायाधीश को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।"

    विधि एवं न्यायपालिका विभाग, विधि प्रभाग, गोवा ने 28 जुलाई, 2023 को बॉम्बे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को लिखे पत्र में कहा कि गोवा शाखा के कर्मचारियों के लिए वेतनमान में गिरावट के अनुरोध पर 'राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार विचार नहीं किया जा सकता।'

    न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा बनाए गए विपरीत नियमों से हाईकोर्ट के कर्मचारियों के रिटायरमेंट लाभों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है। यूओआई बनाम एसबी वोहरा के निर्णय के आलोक में राज्य सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उक्त निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि अनुच्छेद 229 के तहत हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा की गई सिफारिशों को राज्य द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए और किसी भी इनकार को मजबूत तर्क द्वारा समर्थित किया जाना चाहिए।

    कहा गया,

    "गोवा सरकार द्वारा अब जो नियम बनाए गए हैं, वे निस्संदेह हाईकोर्ट के कर्मचारियों के रिटायरमेंट देय राशि को प्रभावित करेंगे। राज्य सरकार द्वारा की गई कार्यवाही प्रथम दृष्टया कानून की स्थापित स्थिति के विपरीत है। इस संदर्भ में गोवा सरकार का ध्यान यूनियन ऑफ इंडिया बनाम एसबी वोहरा 2004 2 एससीसी 150 के निर्णय की ओर आकर्षित किया जाना चाहिए।"

    अब मामले की सुनवाई अगले सोमवार को होगी।

    केस टाइटल: गोवा में बॉम्बे हाईकोर्ट से रिटायर कर्मचारियों के लिए पेंशन लाभ बनाम गोवा राज्य और अन्य। WP(C) नंबर 464/2023

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