सुप्रीम कोर्ट ने गर्मियों में वकीलों के ड्रेस कोड में छूट की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से किया इनकार
Shahadat
18 Sept 2024 10:05 AM IST
सुप्रीम कोर्ट ने गर्मियों के महीनों में वकीलों को काले कोट पहनने से छूट देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए अदालतों में ड्रेस कोड की मर्यादा बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोट और गाउन की अनिवार्यता से छूट मांगी, जबकि बैंड रखने की मांग की, क्योंकि वकीलों को विशेष रूप से ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट में अत्यधिक गर्मी का सामना करना पड़ता है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वकीलों को उचित पोशाक पहननी चाहिए, कोर्ट में शॉर्ट्स और टी-शर्ट जैसे कैजुअल कपड़े पहनने से मना किया।
सीजेआई ने कहा,
"आपको कुछ पहनना होगा? हम लोगों को शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनकर कोर्ट में नहीं आने दे सकते, कुछ मर्यादा होनी चाहिए।"
सीजेआई ने सुझाव दिया कि याचिकाकर्ता इस मामले को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) और हाईकोर्ट के समक्ष उठाए, क्योंकि वे ऐसे मामलों पर निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने आगे दोहराया कि न्यायालय में शिष्टाचार बनाए रखने के लिए उचित पोशाक आवश्यक है। सीजेआई ने यह भी कहा कि कई हाईकोर्ट ने गर्मी के मौसम में गाउन पहनने से छूट दी है।
उन्होंने कहा,
"आप बार के सदस्य हैं, कुछ शिष्टाचार। आप क्या पहनेंगे, आपको उचित पोशाक पहनकर आना होगा, यह शिष्टाचार का मामला है।"
पीठ ने याचिका वापस लेते हुए खारिज की, जबकि यह नोट किया कि वकील एडवोकेट एक्ट 1961 के तहत ड्रेस कोड में उपयुक्त संशोधन के लिए BCI और केंद्र सरकार को अभ्यावेदन देने के लिए सहमत हुए।
केस टाइटल: शैलेंद्र मणि त्रिपाठी बनाम बार काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य। डायरी नंबर 24405-2024