सुप्रीम कोर्ट ने बयान वापस लेने के बाद 'गुजराती धोखेबाज होते हैं' टिप्पणी पर तेजस्वी यादव के खिलाफ मानहानि का मामला रद्द किया
Shahadat
13 Feb 2024 11:18 AM IST
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ मीडिया कांफ्रेंस के दौरान की गई कथित टिप्पणी "गुजराती ही ठग हो सकता है" पर दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत खारिज की।
जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता द्वारा सीआरपीसी की धारा 406 के तहत दायर एक स्थानांतरण याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें आपराधिक मानहानि शिकायत को अहमदाबाद से दिल्ली या किसी अन्य "तटस्थ स्थान" में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।"
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत अहमदाबाद स्थित स्वयंसेवी संगठन अखिल भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी और अपराध निवारक परिषद (गुजरात राज्य) के उपाध्यक्ष हरेश मेहता द्वारा अहमदाबाद में शिकायत दर्ज की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने 6 नवंबर, 2023 को शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करते हुए मामले में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी। इसके बाद यादव ने अपनी टिप्पणी वापस लेते हुए हलफनामा दायर किया, जिसके बाद अदालत ने शिकायतकर्ता से पूछा कि क्या मामले में कुछ बचा है।
यादव द्वारा दायर प्रारंभिक हलफनामे पर शिकायतकर्ता ने आपत्ति जताई कि विवादित बयान को वापस लेने की स्थिति स्पष्ट नहीं है। उनका मामला था कि यादव की टिप्पणी पूरे गुजराती समुदाय को नुकसान पहुंचाने वाली थी और वह हलफनामे के शुरुआती स्वरूप से संतुष्ट नहीं थे। तदनुसार, अदालत ने यादव को अपने बयान वापस लेते हुए एक सप्ताह के भीतर नया हलफनामा दाखिल करने को कहा।
पिछली तारीख पर खंडपीठ ने आदेश सुरक्षित रख लिया था।
यह मामला 2022 में यादव द्वारा की गई निम्नलिखित टिप्पणियों से उत्पन्न हुआ,
"जो दो ठग है ना, जो ठग है, ठग को जो अनुमति है, आज के देश के हालात में देखा जाएगा तो सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकता है और उसके ठग को माफ किया जाएगा। एलआईसी का पैसा, बैंक का पैसा दे दो , फिर वो लोग लेके भाग जाएंगे तो कौन जिम्मेवार होगा। एलआईसी का पैसा दिया जाएगा, बैंकों का पैसा दिया जाएगा और वे इसे लेकर भाग जाएंगे। कौन जिम्मेदार होगा?
केस टाइटल: तेजस्वी प्रसाद यादव बनाम हरेशभाई प्राणशंकर मेहता, टीपी (सीआरएल) नंबर 846/2023