चंडीगढ़ मेयर चुनाव: हां मैंने चुनाव में धांधली की- रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव परिणाम नए चुनाव के बजाय वर्तमान वोटों के आधार पर घोषित करने का प्रस्ताव दिया

Shahadat

19 Feb 2024 11:46 AM GMT

  • चंडीगढ़ मेयर चुनाव: हां मैंने चुनाव में धांधली की- रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव परिणाम नए चुनाव के बजाय वर्तमान वोटों के आधार पर घोषित करने का प्रस्ताव दिया

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (19 फरवरी) को प्रस्ताव दिया कि विवादास्पद चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे नए चुनाव का आदेश देने के बजाय वर्तमान मतपत्रों के आधार पर घोषित किए जाएंगे।

    न्यायालय ने कहा कि वह निर्देश देगा कि पहले से डाले गए वोटों की गिनती उन निशानों को नजरअंदाज करके की जाए, जो पिछले पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा उन पर लगाए गए। कोर्ट ने कहा कि वह चंडीगढ़ प्रशासन के डिप्टी कमिश्नर से ऐसे अधिकारी को नामित करने के लिए कहेगा, जो किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा न हो। इसलिए मतपत्रों की गिनती करने और परिणाम घोषित करने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया जाए। कोर्ट ने कहा कि पूरी मतगणना प्रक्रिया की न्यायिक निगरानी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा नामित न्यायिक अधिकारी द्वारा की जाएगी।

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,

    "प्रक्रिया को उस चरण से तार्किक निष्कर्ष तक ले जाया जाएगा, जहां यह परिणाम घोषित होने से पहले रुकी थी..."।

    सीजेआई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने निर्देश दिया कि मतपत्रों को कल सुबह 10.30 बजे अदालत में पेश किया जाए, जिससे यह पता लगाया जा सके कि क्या उनसे वोट काटे जा सकते हैं। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को न्यायालय में मतपत्र लाने के लिए न्यायिक अधिकारी को नामित करने के लिए कहा गया।

    चंडीगढ़ प्रशासन ने नए सिरे से चुनाव का प्रस्ताव रखा

    चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि न्यायिक अधिकारी की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराया जाए।

    हालांकि, मेयर चुनाव हारने वाले आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। कुलदीप कुमार की ओर से पेश सीनियर वकील गुरमिंदर सिंह ने कहा कि वोटों की गिनती मौजूदा मतपत्रों के आधार पर की जा सकती है।

    नियमों के अनुसार, मतपत्र केवल तीन स्थितियों में अमान्य किये जाते हैं -

    (1) यदि दो से अधिक उम्मीदवारों के लिए वोट डाले गए हों।

    (2) यदि मतदाता की पहचान के लिए कोई निशान छूट गया हो।

    (3) यदि कोई निशान रह गया हो मतपत्र से यह पता लगाना कठिन हो जाता है कि वोट किसे दिया गया।

    सिंह ने कहा कि आठ मतपत्रों में कोई भी शर्त मौजूद नहीं है, जिन्हें रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने विरूपित किया था।

    सिंह ने कहा,

    "मसीह दूसरी पार्टी के अल्पसंख्यक विंग के सदस्य हैं। उनके दुर्व्यवहार के बावजूद, अगर हम चुनाव को उसके तार्किक परिणाम तक ले जा सकते हैं..."

    इसके बाद कोर्ट ने कहा कि वह मौजूदा मतपत्रों के आधार पर गिनती का आदेश देगा। इस स्तर पर एसजी ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि कुछ मतपत्र फटे हुए थे। इसी बिंदु पर न्यायालय ने इसकी जांच के लिए कल मतपत्र पेश करने का निर्देश दिया।

    सॉलिसिटर जनरल ने अनुरोध किया कि मामले को कल के बजाय परसों रखा जाए। हालांकि, बेंच ने इनकार कर दिया।

    सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा,

    "जो हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है, उसे लेकर हम बेहद चिंतित हैं..."

    गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले मेयर पद पर निर्वाचित BJP प्रत्याशी मनोज सोनकर ने इस्तीफा दे दिया था। ऐसी भी खबरें हैं कि आप के 3 पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए।

    रिटर्निंग ऑफिसर से बातचीत

    पीठ ने चुनाव के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह से भी बातचीत की, जिन्हें उपस्थित रहने के लिए कहा गया था। पिछले दिन, चुनाव के वीडियो को देखने के बाद, जिसमें सुझाव दिया गया कि मसीह ने कुछ मतपत्रों को विरूपित किया था, पीठ ने उनकी उपस्थिति के लिए कहा था।

    पीठ को बताया गया कि मसीह चंडीगढ़ नगर पालिका के मनोनीत सदस्य हैं और वह भाजपा से हैं।

    "सीजेआई: मिस्टर मसीह, मैं आपसे सवाल पूछ रहा हूं। यदि आप सच्चा जवाब नहीं दे रहे हैं तो आप पर मुकदमा चलाया जाएगा। यह गंभीर मामला है। हमने वीडियो देखा है। आप कैमरे पर मतपत्र पर क्रॉस लगाकर क्या कर रहे थे? आप निशान क्यों लगा रहे थे?

    मसीह : मतदान के बाद मुझे मतपत्रों पर चिन्ह लगाना था। जो मतपत्र विकृत हो गए, उन्हें अलग करना पड़ा।

    सीजेआई: वीडियो से यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आप कुछ मतपत्रों पर एक्स का निशान लगा रहे हैं। क्या आपने कुछ मतपत्रों पर X चिह्न लगाए?

    मसीह: हां।

    सीजेआई: कितने मतपत्रों पर निशान लगाए गए?

    मसीह: 8।

    सीजेआई: बैलेट पेपर को ख़राब करना आप क्यों कर रहे थे? ऐप ऐसे क्यों करें? आपको साइन करना है? (आपने मतपत्रों को विकृत क्यों किया? आपको केवल कागजात पर हस्ताक्षर करने थे। नियमों में यह कहां प्रावधान है कि आप मतपत्रों में अन्य चिह्न लगा सकते हैं।)

    मसीह: मतपत्रों को उम्मीदवारों ने विकृत कर दिया, छीन लिया और नष्ट कर दिया...

    सीजेआई: सॉलिसिटर साहब, उस पर मुकदमा चलाना होगा। वह चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं।”

    मिस्टर मसीह का दावा था कि उन्होंने केवल 8 मतपत्रों पर निशान लगाए, जो विरूपित हो गए। पीठ ने उनकी दलीलें दर्ज कीं।

    पिछली सुनवाई पर, अदालत ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव कराने वाले पीठासीन अधिकारी को यह कहते हुए कड़ी फटकार लगाई थी कि "यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों को विकृत किया।"

    अदालत ने पीठासीन अधिकारी को निर्देश दिया कि वह सुनवाई की अगली तारीख पर अपने आचरण को स्पष्ट करने के लिए अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहें।

    सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने विवादास्पद चुनाव का वीडियो देखने के बाद टिप्पणी की,

    "क्या वह इस तरह से चुनाव आयोजित करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह लोकतंत्र की हत्या है। इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।"

    कांग्रेस-आप गठबंधन के 8 पार्षदों के वोट अवैध घोषित होने के बाद BJP उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया गया।

    कुमार की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया कि 7 फरवरी को होने वाली चंडीगढ़ नगर निगम की आगामी बैठक स्थगित कर दी जाएगी।

    कोर्ट ने आदेश दिया कि मेयर चुनाव का पूरा रिकॉर्ड जब्त कर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास रखा जाए और मतपत्र और वीडियोग्राफी को सुरक्षित रखा जाए। चंडीगढ़ यूटी के उपायुक्त, जिनके पास वर्तमान में रिकॉर्ड हैं, उन्हें आज शाम 5 बजे तक उन्हें एचसी रजिस्ट्रार जनरल को सौंप देना चाहिए।

    केस टाइटल: कुलदीप कुमार बनाम यू.टी. चंडीगढ़ एसएलपी (सी) नंबर 002998 - / 2024

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