Breaking | ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 पर दायर याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर
Amir Ahmad
8 Sept 2025 4:04 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने आज (8 सितंबर) केंद्र सरकार की ट्रांसफर याचिकाओं को मंज़ूरी देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट,कर्नाटक हाईकोर्ट और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में लंबित उन सभी याचिकाओं को अपने पास ट्रांसफर कर लिया, जिनमें ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन एक्ट, 2025 (Online Gaming Act) को चुनौती दी गई।
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने आदेश दिया,
“याचिकाएं ट्रांसफर करने की प्रार्थना स्वीकार की जाती है। संबंधित हाईकोर्ट्स सभी रिकॉर्ड और इंटरलोक्यूटरी एप्लिकेशन्स एक हफ्ते के भीतर डिजिटल माध्यम से सुप्रीम कोर्ट को भेजें।”
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से सी. आर्यमन सुंदरम और अरविंद पी. दातार जैसे सीनियर एडवोकेट उपस्थित रहे।
क्या है विवाद?
ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 को संसद ने 21 अगस्त को पारित किया और 22 अगस्त को राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिली। इस कानून में ऑनलाइन मनी गेम्स पर रोक लगाई गई। साथ ही इससे जुड़ी बैंकिंग सेवाएं, विज्ञापन आदि को भी निषिद्ध किया गया।
कंपनियों का तर्क है कि यह कानून सिर्फ़ जुआ या किस्मत आधारित गेम ही नहीं बल्कि स्किल-बेस्ड गेम्स और ई-स्पोर्ट्स को भी प्रतिबंधित कर रहा है। हालांकि, अदालतों ने पहले ही स्किल-गेम्स को वैध व्यवसाय माना है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 19(1)(g) के तहत उनके व्यवसाय करने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।
आगे क्या?
अब सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में सुनी जाएंगी और हाईकोर्ट्स में लंबित कोई भी समान याचिका स्वतः सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर हो जाएगी।
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