सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में आरोपमुक्ति को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ तमिलनाडु के मंत्री पेरियासामी की याचिका पर नोटिस जारी किया

Shahadat

21 March 2024 4:31 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में आरोपमुक्ति को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ तमिलनाडु के मंत्री पेरियासामी की याचिका पर नोटिस जारी किया

    सुप्रीम कोर्ट ने (18 मार्च को) तमिलनाडु के ग्रामीण विकास मंत्री आई पेरियासामी द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें आरोपमुक्त करने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।

    पेरियासामी के खिलाफ मामला यह है कि 2008 और 2009 के बीच डीएमके कैबिनेट में आवास मंत्री के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड की मोगाप्पेयर एरी योजना में अवैध रूप से उच्च आय समूह का प्लॉट प्राप्त करने के लिए दूसरों के साथ साजिश रची।

    हालांकि ट्रायल कोर्ट ने मंत्री को बरी कर दिया, लेकिन हाईकोर्ट जज जस्टिस आनंद वेंकटेश की एकल-न्यायाधीश पीठ ने स्वत: संज्ञान के माध्यम से ट्रायल कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया। इसके अलावा हाईकोर्ट ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई को विशेष अदालत से स्थानांतरित करने का भी आदेश दिया।

    जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने अब मंत्री को मुकदमे को स्थगित करने की अनुमति भी दी। उक्त अनुमति यह देखते हुए दी कि मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में है।

    खंडपीठ ने कहा,

    "चूंकि 28.03.2024 को याचिकाकर्ता के खिलाफ मुकदमा फिर से शुरू करने का आदेश दिया गया, याचिकाकर्ता मुकदमे को स्थगित करने के लिए ट्रायल कोर्ट के समक्ष आवेदन करने के लिए स्वतंत्र है, क्योंकि यह अदालत मामले की सुनवाई कर रही है।"

    पेरियासामी की ओर से सीनियर वकील कपिल सिब्बल पेश हुए। उन्होंने तर्क दिया कि पेरियासामी के खिलाफ मुकदमा शुरू करने के लिए किसी मंत्री को पद से हटाने के लिए सक्षम प्राधिकारी, राज्यपाल से पूर्व मंजूरी की आवश्यकता है। हालांकि, वर्तमान मामले में इसके बजाय अध्यक्ष द्वारा मंजूरी जारी की गई।

    सीनियर एडवोकेट ने भी अपने तर्कों का समर्थन करने के लिए आर.एस. नायक बनाम ए.आर. अंतुले, 1984 2 एससीसी 183 पर भरोसा किया। उन्होंने तर्क दिया कि कैबिनेट मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करने के लिए पेरियासामी पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी केवल राज्यपाल द्वारा जारी की जा सकती है और अध्यक्ष की मंजूरी का कोई मतलब नहीं होगा।

    इन दलीलों के मद्देनजर कोर्ट ने नोटिस जारी किया।

    केस टाइटल: आई. पेरियासामी बनाम राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय, डायरी नंबर- 11494 - 2024

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