सुप्रीम कोर्ट ने Newsclick की याचिका का निपटारा किया, ITAT अपील के निपटारे तक कर वसूली पर रोक लगाई

Shahadat

9 Aug 2024 1:13 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने Newsclick की याचिका का निपटारा किया, ITAT अपील के निपटारे तक कर वसूली पर रोक लगाई

    न्यूज पोर्टल Newsclick द्वारा आयकर मांग पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) के समक्ष दायर अपील के निपटारे तक बकाया राशि की आगे की वसूली पर रोक रहेगी। यह आदेश इस बात को ध्यान में रखते हुए पारित किया गया कि मांग का लगभग 30 प्रतिशत वसूल किया जा चुका है।

    जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस नोंगमईकापम कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ आयकर मांग पर रोक लगाने से इनकार करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ Newsclick द्वारा दायर एसएलपी पर सुनवाई कर रही थी। 8 जुलाई को न्यायालय ने इस तत्काल याचिका पर नोटिस जारी किया।

    मामले की संक्षिप्त पृष्ठभूमि

    न्यूज पोर्टल ने दावा किया कि प्रतिवादी-कर अधिकारियों ने फरवरी और नवंबर 2023 में पारित आदेशों के माध्यम से 30 दिसंबर, 2022 के मूल्यांकन आदेश के खिलाफ आयकर आयुक्त (अपील) के समक्ष अपनी अपील के लंबित रहने के दौरान मांग पर रोक लगाने के लिए उसके आवेदन को मनमाने ढंग से खारिज कर दिया। इन आदेशों ने उसे आयकर आयुक्त (अपील) के समक्ष अपनी अपील के लंबित रहने के दौरान मांग पर रोक लगाने के लिए नए सिरे से आवेदन करने से पहले मांग का 20% भुगतान करने का निर्देश दिया।

    इसके बाद याचिकाकर्ता ITAT के समक्ष गया। न्यायाधिकरण ने एओ के निष्कर्षों को बरकरार रखा और आयकर मांग पर रोक लगाने से इनकार किया। इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर की गई। हालांकि, इसे खारिज कर दिया गया, क्योंकि न्यायालय को अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला। इस आदेश को चुनौती देते हुए Newsclick द्वारा तत्काल विशेष अनुमति याचिका दायर की गई।

    इससे पहले, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश पर सवाल उठाया था और कहा कि संगठन के पास कोई पैसा नहीं बचा है। एक साल से मैंने वेतन नहीं दिया, मैं भविष्य निधि का भुगतान नहीं कर पाया हूं।

    सीनियर एडवोकेट देवदत्त कामत ने एडवोकेट रोहित शर्मा के साथ प्रस्तुत किया कि बैंक में मौजूद पूरा पैसा निकाल लिया गया और लगभग 30% की वसूली की गई। इसे देखते हुए डिवीजन बेंच ने उपरोक्त शर्तों में हाईकोर्ट के आदेश को संशोधित करते हुए याचिका का निपटारा किया। न्यायालय ने कहा कि ITAT हाईकोर्ट की टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना कानून के अनुसार इसकी योग्यता के आधार पर अपील पर विचार करेगा, जिसे हमने संशोधित किया है।

    उल्लेखनीय है कि पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने देखा कि Newsclick की बैलेंस शीट के आधार पर वित्तीय तंगी की दलील ने अविश्वास को प्रेरित किया। न्यायालय ने कहा कि मूल्यांकन अधिकारी के अनुसार, न्यूज पोर्टल के अकाउंट का उचित रखरखाव नहीं किया गया। इस आदेश के खिलाफ भी एसएलपी दायर की गई थी। हालांकि, इसे ITAI में जाने की स्वतंत्रता के साथ वापस ले लिया गया।

    केस टाइटल: पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड बनाम आयकर उप आयुक्त, डायरी संख्या - 24553/2024

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