चुनाव के दौरान कथित हेट स्पीच के लिए पीएम मोदी, अनुराग ठाकुर के खिलाफ ECI कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज की

Shahadat

14 May 2024 10:41 AM GMT

  • चुनाव के दौरान कथित हेट स्पीच के लिए पीएम मोदी, अनुराग ठाकुर के खिलाफ ECI कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (14 मई) को रिट याचिका खारिज कर दिया, जिसमें लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा दिए गए हेट स्पीच के खिलाफ भारत के चुनाव आयोग (ECI) को निर्देश देने की मांग की गई थी।

    जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ पूर्व आईएएस अधिकारी ईएएस सरमा और पूर्व आईआईएम डीन त्रिलोचन शास्त्री द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर वकील संजय हेगड़े ने बताया कि 2019 में कोर्ट ने इसी तरह की याचिका पर विचार किया और चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। हालांकि चुनाव ख़त्म होने के बाद उस मामले का निपटारा कर दिया गया।

    हेगड़े की इस संक्षिप्त दलील के बाद पीठ ने तुरंत कहा कि वह इस मामले को खारिज कर रही है।

    खंडपीठ ने आदेश में कहा,

    "हमने संजय हेगड़े को विस्तार से सुना है। हम अनुच्छेद 32 के तहत इस याचिका में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। तदनुसार इसे खारिज किया जाता है।"

    हालांकि हेगड़े ने पीठ से "इस स्तर पर" जोड़कर आदेश को योग्य बनाने का अनुरोध किया, जिससे भविष्य में कोई उपाय बाधित न हो, लेकिन खंडपीठ ने इनकार कर दिया।

    रिट याचिका में 2024 के आम चुनावों के लिए राजनीतिक प्रचारकों, विशेषकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से दिए जा रहे नफरत भरे भाषणों के खिलाफ उचित कार्रवाई शुरू करने के लिए भारत के चुनाव आयोग (ECI) को निर्देश देने की मांग की गई थी।

    इसमें 21.04.2024 को पीएम मोदी और 27.04.2024 को केंद्रीय सूचना और प्रसारण, युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर द्वारा दिए गए भाषणों का हवाला दिया गया। कथित तौर पर इन भाषणों को BJP के आधिकारिक हैंडल और मौजूदा सांसद अरविंद धरमपुरी द्वारा इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बार-बार पोस्ट किया गया।

    याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि ECI ने दिए गए भाषणों की प्रकृति पर आंखें मूंद ली हैं, जो आदर्श आचार संहिता, भारतीय दंड संहिता, 1860 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का गंभीर उल्लंघन है।

    याचिका में कहा गया,

    भारत का चुनाव आयोग अपनी अनिवार्य जिम्मेदारियों के बारे में वैधानिक निकाय को सूचित करने और प्रेरित करने के बार-बार प्रयासों के बावजूद निर्णायक कार्रवाई करने में विफल रहा है।''

    यह भी आरोप लगाया गया कि ECI ने पहले अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की, जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे जैसे कि आम आदमी पार्टी (AAP), भारत राष्ट्र समिति आदि।

    याचिकाकर्ताओं द्वारा मांगी गई मुख्य राहतें:

    1. BJP और उसके प्रतिनिधियों द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए भारत के चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए।

    2. भारत के चुनाव आयोग को अनुच्छेद 324 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करने और पीएम और अनुराग सिंह ठाकुर द्वारा प्रचारित नफरत भरे भाषण की जांच शुरू करने का निर्देश, जिसे BJP ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपलोड किए गए वीडियो के माध्यम से दोहराया।

    याचिका एओआर अनस तनवीर के माध्यम से दायर की गई।

    केस टाइटल: डॉ. इमानी अनंत सत्यनारायण सरमा और अन्य बनाम भारत निर्वाचन आयोग और अन्य |डायरी नंबर 22067-2024

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