सुप्रीम कोर्ट ने नए मतदाताओं के नामांकन के लिए आधार नंबर मांगने वाले फॉर्म में बदलाव न करने पर ECI के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज की

Shahadat

9 Feb 2024 7:42 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने नए मतदाताओं के नामांकन के लिए आधार नंबर मांगने वाले फॉर्म में बदलाव न करने पर ECI के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (9 फरवरी) को याचिका खारिज कर दी। उक्त याचिका में नए मतदाताओं के नामांकन के लिए आधार नंबर मांगने वाले फॉर्म को नहीं बदलने के लिए भारत के चुनाव आयोग (ECI) के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई।

    याचिकाकर्ता के अनुसार, पिछले साल ECI के आश्वासन के बावजूद कि नए वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए आधार नंबर अनिवार्य नहीं है, फॉर्म अपरिवर्तित रहे।

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने ECI के इस बयान पर गौर करते हुए अवमानना कार्यवाही शुरू करने से इनकार किया कि वह इस मुद्दे को संबोधित कर रहा है।

    पीठ ने यह भी बताया कि पिछली याचिका का निपटारा ECI के इस वचन के आलोक में किया गया कि वे इस मुद्दे को देख रहे हैं और अदालत ने अनुपालन के लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की है।

    पीठ ने कहा कि यह अवमानना कार्रवाई शुरू करने का मामला नहीं है।

    पिछले सितंबर में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को वचन दिया था, जिसमें फॉर्म 6 और 6बी में "उचित स्पष्टीकरण परिवर्तन" करने का वादा किया गया था। इसमें नए मतदाताओं के लिए मतदाता सूची प्रमाणीकरण के लिए आधार विवरण मांगा गया। आयोग के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह भी स्वीकार किया कि मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन (संशोधन) नियम 2022 के नियम 26-बी के अनुसार आधार नंबर जमा करना अनिवार्य नहीं है।

    यह आश्वासन तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सीनियर उपाध्यक्ष जी निरंजन द्वारा दायर याचिका के जवाब में आया, जिन्होंने फॉर्म 6 और 6बी के मुद्दों पर प्रकाश डाला था। कांग्रेस नेता की याचिका मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन (संशोधन) नियम 2022 के अधिनियमन से उपजी है, जिसे चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 के अनुसार आधार नंबर को चुनाव आईडी कार्ड से जोड़ने के लिए प्रख्यापित किया गया। फॉर्म 6बी ने मतदाता सूची प्रमाणीकरण के लिए आधार नंबर ने मतदाताओं को सूचित करने में सुविधा प्रदान की। हालांकि, नए कानून के अनुसार, आधार-वोटर कार्ड लिंकेज पूरी तरह से स्वैच्छिक है।

    चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 और मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन (संशोधन) नियम 2022 के लिए अलग चुनौती वर्तमान में शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है।

    केस टाइटल- जी निरंजन बनाम नितेश कुमार व्यास एवं अन्य। | डायरी नंबर 3333/2024

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