सुप्रीम कोर्ट ने NEET-PG 2022 के अंकों में विसंगतियों का आरोप लगाने वाली याचिकाएं खारिज की

Shahadat

11 Jun 2024 8:01 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने NEET-PG 2022 के अंकों में विसंगतियों का आरोप लगाने वाली याचिकाएं खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने कथित विसंगतियों को चुनौती देने वाली और NEET-PG 2022 परीक्षा की आंसर की और उत्तर पुस्तिकाओं के खुलासे की मांग करने वाली याचिकाएं खारिज की।

    जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की वेकेशन बेंच ने काफी समय बीत जाने के बाद याचिकाओं को निष्फल मानते हुए खारिज कर दिया।

    वेकेशन बेंच ने कहा,

    "समय बीत जाने के कारण ये याचिकाएं निष्फल हो गईं। यदि याचिकाकर्ताओं को अभी भी वर्ष 2024 में आयोजित ग्रेजुएट या पोस्ट-ग्रेजुएट की NEET परीक्षा के संबंध में कोई शिकायत है तो वे स्वीकार्य आधार पर इसका विरोध कर सकते हैं। तदनुसार, इन याचिकाओं को खारिज किया जाता है।"

    6 रिट याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील अवनी बंसल ने तर्क दिया कि वर्तमान याचिकाएं अभी भी प्रासंगिक होंगी, क्योंकि याचिकाकर्ताओं में से दो 23 जून को होने वाली NEET PG 2024 परीक्षा में बैठेंगे।

    बंसल ने कहा,

    "समस्या यह है कि वे (राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड) हमें आंसर की, उत्तर पुस्तिकाएं, प्रश्न पत्र (NEET-PG 2022 के) तक पहुंच की अनुमति नहीं दे रहे हैं। याचिकाकर्ता इस बार भी परीक्षा देने जा रहे हैं।"

    मामले पर विचार करने से इनकार करते हुए वेकेशन बेंच ने याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया,

    "हम इन सभी मामलों को अनावश्यक रूप से लंबित नहीं रख सकते।"

    याचिका डॉक्टरों द्वारा दायर की गई, जिनकी शिकायत है कि यद्यपि उनके NEET-PG 2022 अंकों में गंभीर विसंगतियां हैं। फिर भी NBE पुनर्मूल्यांकन की अनुमति नहीं दे रहा है। मांगी गई राहतों के अनुसार, याचिकाकर्ता प्रार्थना करते हैं कि (i) एनबीई को NEET-PG 2022 के लिए प्रश्न पत्र और आंसर की जारी करने के निर्देश जारी किए जाएं; (ii) उम्मीदवारों को उनके पेपर का पुनर्मूल्यांकन करने के विकल्प प्रदान करें; खंड 9.7 और 10.4 को असंवैधानिक घोषित करना; (iii) उम्मीदवारों को उत्तर कुंजी को चुनौती देने की अनुमति देना।

    याचिकाकर्ताओं ने मूल्यांकन तंत्र में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अंकों में कथित विसंगतियों के मामलों की जांच करने के लिए उच्चाधिकार समिति के गठन की भी मांग की। याचिका में परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र और आंसर की प्रकाशित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने का अनुरोध किया गया। उन्होंने एनबीई को परीक्षा के तुरंत बाद प्रश्न पत्र और संबंधित उत्तर कुंजी के साथ लॉग-इन अकाउंट में व्यक्तिगत ओएमआर उत्तर पत्रक अपलोड करने और आरटीआई आवेदन दायर करने पर उम्मीदवारों को आंसर की और प्रश्न पत्र प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की।

    अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने NEET-PG 2022 के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार किया।

    याचिकाकर्ताओं ने प्रस्तुत किया कि NEET-UG सहित भारत में अन्य प्रतिष्ठित परीक्षाएं उम्मीदवारों को आंसर की को चुनौती देने का विकल्प प्रदान करती हैं।

    सीबीएसई और अन्य बनाम आदित्य बंदोपाध्याय और अन्य का हवाला देते हुए याचिका में तर्क दिया गया कि उत्तर पुस्तिकाएं आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 2(एफ) के तहत सूचना हैं। हालांकि, एनबीई को आरटीआई अधिनियम की धारा 24 के तहत सूचना प्रदान करने से छूट नहीं है।

    याचिका में विशेष रूप से NEET-PG सूचना बुलेटिन के खंड 9.7 और 10.4 पर हमला किया गया, जिसमें कहा गया कि परीक्षा की सामग्री एनबीई की स्वामित्व वाली है और किसी भी पुनर्मूल्यांकन, पुनर्जांच या पुनर्मूल्यांकन की अनुमति नहीं है।

    याचिका में कहा गया कि परीक्षा का संचालन निजी गतिविधि नहीं है, परीक्षक द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं की जांच और मूल्यांकन और उनके द्वारा दिए गए अंकों का गोपनीयता के मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। इस प्रकार एनबीई आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(जे) को आकर्षित नहीं करेगा।

    केस टाइटल: प्रीतिश कुमार बनाम एनबीई] डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 591/2022

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