सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार मामले में मेडिकल आधार पर सजा निलंबित करने की आसाराम बापू की याचिका खारिज की

Shahadat

1 March 2024 12:41 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार मामले में मेडिकल आधार पर सजा निलंबित करने की आसाराम बापू की याचिका खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू की राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती खारिज की, जिसने उस मामले में स्वास्थ्य आधार पर सजा को निलंबित करने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी। उक्त मामले में उन्हें नाबालिग से बलात्कार के लिए दोषी ठहराया गया था।

    गुण-दोष पर टिप्पणी किए बिना पुलिस हिरासत में इलाज की अनुमति देने का राज्य का प्रस्ताव स्वीकार करने के मद्देनजर, न्यायालय ने स्पष्ट किया कि आसाराम बापू आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज कराने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र होंगे। न्यायालय ने हाईकोर्ट से दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील की सुनवाई में तेजी लाने का भी अनुरोध किया।

    जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश आसाराम बापू की चुनौती पर सुनवाई कर रही थी, जिसने सजा के निलंबन के लिए उनका चौथे आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अगर उन्हें "अपनी मर्जी से इलाज कराने की अनुमति दी गई तो कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है।

    हाईकोर्ट ने कहा था,

    "अपीलकर्ता की फैन फॉलोइंग को देखते हुए हमारा विचार है कि यदि उन्हें...अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी जाती है तो पूरी संभावना है कि महाराष्ट्र राज्य में कानून और व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस पर इस पहलू पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं है।“

    गौरतलब है कि 82 वर्षीय आसाराम बापू फिलहाल जोधपुर की सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। जनवरी 2023 में गुजरात की एक अदालत ने अन्य बलात्कार मामले में भी दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

    सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जमानत के लिए अपनी प्रार्थना के समर्थन में आसाराम बापू ने एम्स जोधपुर द्वारा जारी डिस्चार्ज रिपोर्ट पर भरोसा किया, जहां 7 सीनियर डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड ने संकेत दिया कि उन्हें कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्ट (सीएबीजी) और अन्य सुविधा की आवश्यकता है, जो जोधपुर में उपलब्ध नहीं है। "अत्यधिक तात्कालिकता" का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि चार महीने की अवधि (नवंबर, 2023 से जनवरी, 2024) में दिल के दौरे के संकेत वाले गंभीर सीने में दर्द के कारण उन्हें तीन बार एम्स, जोधपुर ले जाया गया।

    आसाराम बापू की ओर से पेश हुए सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने माना कि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट के समक्ष लोक अभियोजक द्वारा दिए गए बयान (पुलिस हिरासत में आसाराम बापू के इलाज के संबंध में) को स्वीकार करने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के समक्ष उचित आवेदन दायर किया जाएगा।

    प्रस्तुतीकरण पर ध्यान देते हुए न्यायालय ने विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी। "यदि ऐसा कोई आवेदन दिया जाता है तो उस पर विचार किया जाएगा", यह अनुरोध करने से पहले कि हाईकोर्ट मुख्य अपील की सुनवाई शीघ्रता से करे।

    जस्टिस खन्ना ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कहते हुए टिप्पणी की,

    "यह मामला हमारे लिए बिल्कुल स्पष्ट है...जब अपील सुनवाई के लिए तैयार है तो जानबूझकर मामले में देरी करने के लिए आवेदन किए गए...इरादा यह था कि बस सुनवाई रोक दो"।

    केस टाइटल: आशाराम @ आशुमल बनाम राजस्थान राज्य, एसएलपी (सीआरएल) नंबर 2792/2024

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