सुप्रीम कोर्ट ने अडानी प्रॉपर्टीज़ लिमिटेड को संपत्ति बेचने की सहारा की याचिका स्थगित की

Amir Ahmad

17 Nov 2025 1:03 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने अडानी प्रॉपर्टीज़ लिमिटेड को संपत्ति बेचने की सहारा की याचिका स्थगित की

    केंद्र सरकार ने सोमवार को सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा दायर आवेदनों पर जवाब देने के लिए और समय मांगा, जिसमें महाराष्ट्र में एम्बी वैली और लखनऊ में सहारा शहर सहित अपनी 88 संपत्तियों को अडानी प्रॉपर्टीज़ प्राइवेट लिमिटेड को बेचने की अनुमति मांगी गई थी।

    सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा चार सप्ताह का समय दिए जाने के अनुरोध को स्वीकार करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद के लिए स्थगित कर दी।

    न्यायालय ने सहारा समूह की कंपनियों से अपने लंबित वेतन के भुगतान की मांग करने वाले कर्मचारियों द्वारा दायर आवेदनों पर भी सुनवाई स्थगित की।

    सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल सहारा की ओर से पेश हुए। सॉलिसिटर जनरल ने यह भी अनुरोध किया कि इस मामले में सहकारिता मंत्रालय को भी पक्षकार बनाया जाए क्योंकि कई सहकारी समितियां इसमें शामिल हैं। मामले में एमिक्स क्यूरी सीनियर एडवोकेट शेखर नफड़े ने दलील दी कि उन्हें कई संपत्तियों पर दावे प्राप्त हो रहे हैं, जिनका खुलासा सहारा समूह ने नहीं किया। इसलिए उन्होंने अनुरोध किया कि कंपनी को इन संपत्तियों का विवरण वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया जाए। न्यायालय ने आज कोई निर्देश नहीं दिया।

    पिछली सुनवाई में न्यायालय ने सहारा द्वारा दायर आवेदनों पर केंद्र सरकार और SEBI से जवाब मांगा था।

    इससे पहले न्यायालय ने सहारा द्वारा बेची जाने वाली संपत्तियों पर दावा करने वाले पक्षों को भी एमिक्स क्यूरी सीनियर एडवोकेट शेखर नफड़े के समक्ष अपना दावा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। एमिक्स क्यूरी से एक चार्ट तैयार करने का अनुरोध किया गया, जिसमें यह बताया गया हो कि कौन सी संपत्तियां विवादित हैं, कौन-सी दावा मुक्त हैं और कहां स्वामित्व अधिकार अस्पष्ट हैं। कोर्ट ने सहारा को अगली सुनवाई की तारीख पर अपने कर्मचारियों के दावों की जांच करने का भी निर्देश दिया और भारत सरकार SEBI और एमिक्स क्यूरी से सहारा के आवेदन पर अपने जवाब दाखिल करने को कहा।

    अपने आवेदन में कंपनी ने कहा कि कई प्रयासों के बावजूद SEBI कुर्क की गई संपत्तियों को बेचने में सक्षम नहीं है। इसके संस्थापक सुब्रत रॉय के निधन के बाद समूह की अपनी संपत्तियों के प्रबंधन और निपटान की क्षमता कमज़ोर हो गई। सहारा ने अदालत को बताया कि उसकी कई संपत्तियां विभिन्न प्रतिबंध आदेशों के अधीन हैं और उसने न्यायिक मंज़ूरी मांगी है ताकि बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग बकाया देनदारियों को पूरा करने के लिए किया जा सके। कंपनी ने अदालत को यह भी बताया कि 88 संपत्तियों की प्रस्तावित बिक्री के लिए अदानी प्रॉपर्टीज़ के साथ एक टर्म शीट पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

    यह आवेदन सहारा-सेबी मामले से उत्पन्न मुकदमे में दायर किया गया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने सहारा संस्थाओं को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर (OFCD) में निवेश करने वाले निवेशकों को हज़ारों करोड़ रुपये वापस करने का निर्देश दिया था। 2012 में न्यायालय ने सहारा को निवेशकों को भुगतान के लिए SEBI के पास 24,000 करोड़ से अधिक जमा करने का आदेश दिया था। सहारा ने पिछले कुछ वर्षों में इस राशि का एक बड़ा हिस्सा जमा करने का दावा किया लेकिन SEBI का कहना है कि 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बकाया है।

    हाल ही में 12 सितंबर को कोर्ट ने सेबी-सहारा खाते से जमाकर्ताओं को 5000 करोड़ रुपये जारी करने की अनुमति दी।

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