सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली महिला वकील के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था की
Shahadat
9 Jan 2024 5:06 AM GMT
![सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली महिला वकील के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था की सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली महिला वकील के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था की](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2023/09/22/750x450_494037-750x450425358-supreme-court-of-india-sc-01.jpg)
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 जनवरी) को निर्देश दिया कि उस महिला वकील के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था की जाए, जिसने पुरुष वकील पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। काउंसलिंग की व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट मीडिएशन सेंटर (Mediation Centre) में करने का निर्देश दिया गया।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ को यह अवगत कराए जाने पर कि पिछली तारीख के निर्देश के अनुसार कोई काउंसलिंग नहीं हो सकती, आदेश दिया गया कि याचिकाकर्ता को आज ही अपराह्न 03:00 बजे काउंसलिंग के लिए ले जाया जाए। एओआर कुमुद लता दास, जो याचिकाकर्ता के साथ अदालत में मौजूद थीं, उनको सुप्रीम कोर्ट मीडिएशन सेंटर में उनके साथ जाने का निर्देश दिया गया था।
गौरतलब है कि पिछली तारीख पर कोर्ट की अन्य बेंच ने मामले की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए पक्षों की पहचान छिपाने का निर्देश दिया था। जबकि प्रतिवादी नंबर 2 को याचिकाकर्ता के साथ संवाद करने और/या उसकी कोई भी तस्वीर/वीडियो साझा करने से रोक दिया गया था। इसके अलावा, रजिस्ट्री को अनुलग्नकों के साथ याचिका की प्रति तैयार करने और इसे जेंडर संवेदीकरण आंतरिक शिकायतों को सीलबंद कवर के तहत आंतरिक जांच के लिए कोर्ट की कमेटी (GSICC) को भेजने का निर्देश दिया गया था। इसके अलावा, याचिकाकर्ता से अदालत के मीडिएशन सेंटर में काउंसलर से मिलने का अनुरोध किया गया था।
प्रतिवादी नंबर 2 (पुरुष वकील) के वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पारित होने के बाद सोशल मीडिया पोस्ट किया, जिसमें कथित तौर पर उसके नाम के साथ-साथ अदालती कार्यवाही का भी उल्लेख किया गया। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से इसे दोबारा न दोहराने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि पिछले आदेश का अनुपालन किया जाए।
खंडपीठ ने टिप्पणी की,
"हमने आपकी और आर2 की पहचान को छुपाने का निर्देश दिया था। इसे सार्वजनिक न करें। यदि आप स्वयं ऐसा कर रहे हैं तो इसका क्या फायदा?"
एओआर युगंधरा पवार झा (कोषाध्यक्ष, एससीबीए कार्यकारी समिति) का जिक्र करते हुए बेंच ने यह भी कहा,
"बार एसोसिएशन कार्यकारी समिति की महिला सदस्य है... उसे मामले से जोड़ा जाना चाहिए... वह सहायता कर सकती है। कृपया उससे जुड़े रहने के लिए कहें"।
केस टाइटल: एक्स बनाम एससीबीए के अध्यक्ष डॉ. आदिश अग्रवाल और अन्य, डब्ल्यूपी(सी) डायरी नंबर 52330-2023