BREAKING| सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 रद्द करने की याचिका पर सुनवाई स्थगित की; अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी

Shahadat

11 July 2024 8:11 AM GMT

  • BREAKING| सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 रद्द करने की याचिका पर सुनवाई स्थगित की; अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी

    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (11 जुलाई) को NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं की सुनवाई अगले गुरुवार (18 जुलाई) तक के लिए स्थगित कर दी।

    कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा दायर हलफनामों पर अपने जवाब दाखिल करने का मौका देने के लिए स्थगन दिया।

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने शुरू में मामलों को अगले सोमवार (15 जुलाई) को सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने व्यक्तिगत कठिनाई का हवाला दिया। एसजी ने कहा कि वह और अटॉर्नी जनरल दोनों सोमवार और मंगलवार को उपलब्ध नहीं होंगे। यह देखते हुए कि अगला बुधवार (मुहर्रम के कारण) छुट्टी है, कोर्ट ने फिर मामलों को अगले गुरुवार के लिए स्थगित कर दिया।

    सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ पेपर लीक और अनुचित साधनों के कारण 5 मई को आयोजित NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर विचार कर रही थी।

    केंद्र सरकार ने बुधवार को NEET-UG 2024 परीक्षा में किसी भी तरह की सामूहिक गड़बड़ी से इनकार करते हुए हलफनामा दायर किया। इसने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास द्वारा किए गए डेटा एनालिस्ट से पता चला कि अंक वितरण एक घंटी के आकार का वक्र है, जो किसी भी बड़े पैमाने पर परीक्षा में देखा जाता है, जो किसी भी असामान्यता का संकेत नहीं देता है।

    NTA ने अपनी ओर से हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया कि 4 मई को टेलीग्राम पर लीक हुए NEET-UG परीक्षा के पेपर की तस्वीर दिखाने वाला वीडियो फर्जी था। इसमें कहा गया कि समय से पहले लीक होने की झूठी धारणा बनाने के लिए टाइमस्टैम्प में हेरफेर किया गया। पिछली सुनवाई की तारीख (8 जुलाई) को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने पेपर लीक की सीमा और गलत काम करने वालों को दूसरों से अलग करने की संभावना पर केंद्र/NTA से जवाब मांगा था।

    न्यायालय ने कहा कि यदि पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई और धोखाधड़ी के लाभार्थियों को ईमानदार उम्मीदवारों से अलग करना असंभव है तो फिर से परीक्षा आवश्यक हो सकती है। न्यायालय ने यह भी कहा कि लगभग 24 लाख छात्रों पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए फिर से परीक्षा अंतिम विकल्प होगी।

    केस टाइटल: वंशिका यादव बनाम यूओआई, डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 335-/2024 (और संबंधित मामले)

    Next Story