'बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं पर इस तरह की रोक अनुचित': सुप्रीम कोर्ट ने गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार पर लगा प्रतिबंध हटाया

Shahadat

12 Sept 2024 10:04 AM IST

  • बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं पर इस तरह की रोक अनुचित: सुप्रीम कोर्ट ने गग्गल हवाई अड्डे के विस्तार पर लगा प्रतिबंध हटाया

    सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का निर्देश खारिज कर दिया, जिसमें उसने गग्गल (कांगड़ा) हवाई अड्डे के विस्तार की मौजूदा परियोजना पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था।

    7 मार्च को पारित और सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए आदेश में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाईकोर्ट द्वारा इस पर पूरी तरह से रोक लगाने की आलोचना की।

    सीजेआई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा,

    "9 जनवरी 2024 को हाईकोर्ट के अंतरिम निर्देश में गग्गल (कांगड़ा) हवाई अड्डे के प्रस्तावित विस्तार के लिए कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने पर राज्य पर पूरी तरह से रोक लगाई गई। बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं पर रोक के ऐसे व्यापक आदेशों के कारण समय और लागत में होने वाली बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए ऐसा निर्देश अनुचित और अनावश्यक था।"

    पीठ हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हाईकोर्ट के 9 जनवरी के आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें विस्तार परियोजना के लिए अधिसूचित भूमि पर कब्जा लेने पर रोक लगा दी गई।

    हाईकोर्ट ने यह निर्देश अधिसूचित भूमि पर रहने वाले परिवारों द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जो परियोजना से प्रभावित होंगे।

    उल्लेखनीय है कि 9 जनवरी से पहले हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के दौरान, राज्य के एडवोकेट जनरल ने प्रस्तुत किया था कि राज्य किसी को भी उस भूमि से बेदखल नहीं करेगा, जो अधिसूचना का हिस्सा है और ऐसी अधिसूचित भूमि के भीतर कोई भी संरचना ध्वस्त नहीं की जाएगी।

    न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल द्वारा दिए गए आश्वासन पर ध्यान दिया कि हाईकोर्ट द्वारा पहले दर्ज किए गए अधिसूचित भूमि से परिवारों को बेदखल नहीं किया जाएगा।

    "सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश राज्य की ओर से उपस्थित सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि हाईकोर्ट के समक्ष एडवोकेट जनरल द्वारा दिया गया बयान तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक कि परिस्थितियों में किसी भी परिवर्तन के मद्देनजर न्यायालय से उचित संशोधन के लिए अनुरोध नहीं किया जाता। हम आश्वासन को रिकॉर्ड पर लेते हैं।"

    पीठ ने हाईकोर्ट का स्थगन आदेश रद्द करने का निर्देश दिया। इसने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट रिट याचिका की योग्यता पर सुनवाई जारी रख सकता है। इसने कहा कि परिस्थितियों में परिवर्तन के कारण एडवोकेट जनरल के बयान में परिवर्तन होने की स्थिति में राज्य हाईकोर्ट में जाने के लिए स्वतंत्र है।

    केस टाइटल: प्रमुख सचिव एवं अन्य बनाम गग्गल हवाई अड्डा विस्तार प्रभावित समाज कल्याण समिति एसएलपी (सी) नंबर 1676/2024

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