RG Kar Case | 'आप यह नहीं कह सकते कि महिला डॉक्टर रात में काम नहीं कर सकतीं, आपकी ड्यूटी सुरक्षा करना है': सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा
Shahadat
17 Sept 2024 1:03 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (17 सितंबर) को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जारी अधिसूचना पर असहमति जताई, जिसमें कहा गया कि महिला डॉक्टरों के लिए रात की ड्यूटी से बचना चाहिए। यह अधिसूचना आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मद्देनजर "महिला डॉक्टरों की सुरक्षा" के लिए जारी की गई।
आरजी कर अस्पताल अपराध पर स्वप्रेरणा मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ को सरकार की इस अधिसूचना के बारे में बताया गया।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के बजाय राज्य यह नहीं कह सकता कि महिला डॉक्टरों को रात में काम नहीं करना चाहिए।
सीजेआई ने कहा,
"आप यह कैसे कह सकते हैं कि महिलाएं रात में काम नहीं कर सकतीं? महिला डॉक्टरों पर सीमाएं क्यों लगाई जा रही हैं? वे रियायत नहीं चाहतीं। महिलाएं बिल्कुल उसी समय शिफ्ट में काम करने के लिए तैयार हैं।"
पश्चिम बंगाल राज्य की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल को संबोधित करते हुए सीजेआई ने कहा,
"मिस्टर सिब्बल, आपको इस पर गौर करना होगा। इसका उत्तर यह है कि आपको सुरक्षा देनी होगी। पश्चिम बंगाल को अधिसूचना में सुधार करना चाहिए, आपका कर्तव्य सुरक्षा प्रदान करना है, आप यह नहीं कह सकते कि महिलाएं (डॉक्टर) रात में काम नहीं कर सकतीं! पायलट, सेना आदि सभी रात में काम करते हैं।"
सीजेआई ने उल्लेख किया कि अनुज गर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार द्वारा महिलाओं को शराब की दुकानों में काम करने से रोकने वाली शर्त को खारिज कर दिया था। सीजेआई ने कहा कि अनुज गर्ग मामले में यह निर्धारित किया गया कि सुरक्षा की आड़ में महिलाओं की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।
सिब्बल ने सहमति व्यक्त की कि राज्य 19 अगस्त की अधिसूचना में बदलाव करेगा, जिससे महिला डॉक्टरों की ड्यूटी के घंटों को 12 घंटे तक सीमित करने वाले खंड को हटाया जा सके और उन्हें रात की ड्यूटी से बचने का सुझाव दिया जा सके।
सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह और करुणा नंदी क्रमशः जूनियर डॉक्टरों और सीनियर डॉक्टरों के संघों के लिए पेश हुए।