BREAKING | PG मेडिकल कोर्स में निवास-आधारित आरक्षण अस्वीकार्य, अनुच्छेद 14 का उल्लंघन: सुप्रीम कोर्ट
Shahadat
29 Jan 2025 11:36 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि PG मेडिकल सीटों में निवास-आधारित आरक्षण अस्वीकार्य है, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करने के कारण असंवैधानिक है।
जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने कहा,
"PG मेडिकल कोर्स में निवास-आधारित आरक्षण स्पष्ट रूप से संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है।"
खंडपीठ ने कहा कि राज्य कोटे के भीतर PG मेडिकल कोर्स में एडमिशन में निवास-आधारित आरक्षण प्रदान करना संवैधानिक रूप से अस्वीकार्य है।
कोर्ट ने कहा कि राज्य कोटे की सीटें NEET परीक्षा में मेरिट के आधार पर भरी जानी हैं। एक संदर्भ का जवाब देते हुए तीन जजों की पीठ ने कहा कि वह प्रदीप जैन, सौरभ चंद्र मामलों में पिछले निर्णयों में निर्धारित कानून को दोहरा रही है।
जस्टिस धूलिया ने निर्णय का तर्क पढ़ते हुए कहा,
"हम सभी भारत के क्षेत्र में निवास करते हैं। प्रांतीय या राज्य निवास जैसा कुछ नहीं है। केवल एक ही निवास है। हम सभी भारत के निवासी हैं। हमें भारत में कहीं भी निवास चुनने और देश में कहीं भी व्यापार और व्यवसाय करने का अधिकार है। संविधान हमें भारत भर के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश चुनने का अधिकार भी देता है। मेडिकल कॉलेजों सहित शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ किसी विशेष राज्य में रहने वालों को केवल MBBS कोर्स में एक निश्चित डिग्री तक ही दिया जा सकता है। लेकिन PG मेडिकल कोर्स में विशेषज्ञ डॉक्टरों के महत्व को देखते हुए निवास के आधार पर उच्च स्तरों में आरक्षण संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा।"
हालांकि, खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि निर्णय पहले से दिए गए निवास आरक्षण को प्रभावित नहीं करेगा। जो स्टूडेंट PG पाठ्यक्रम कर रहे हैं और जो पहले से ही ऐसे निवास श्रेणी से उत्तीर्ण हैं, वे प्रभावित नहीं होंगे।
केस टाइटल: तन्वी बहल बनाम श्रेय गोयल और अन्य | सी.ए. नंबर 9289/2019