धार्मिक स्थलों का सर्वेक्षण रोकने और पूजा स्थल अधिनियम लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
Shahadat
2 Dec 2024 9:18 AM IST

संभल जामा मस्जिद और अजमेर दरगाह से संबंधित हाल के विवादों के मद्देनजर, सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई। उक्त याचिका में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 (Places Of Worship Act) के उल्लंघन में धार्मिक संरचनाओं के खिलाफ न्यायालयों द्वारा जारी सर्वेक्षण आदेशों के निष्पादन को रोकने की मांग की गई।
याचिकाकर्ता आलोक शर्मा और प्रिया मिश्रा, राज्यों को धार्मिक संरचनाओं का सर्वेक्षण करने के लिए न्यायालयों द्वारा जारी आदेशों को निष्पादित करने से रोकने के लिए निर्देश चाहते हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि वे अन्य धर्मों से संबंधित संरचनाओं पर बने थे।
याचिकाकर्ता राज्यों, हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट को पूजा स्थल अधिनियम का पालन करने का निर्देश चाहते हैं। वे ऐसे मामलों में न्यायालयों द्वारा जारी किए गए सर्वेक्षण आदेशों पर रोक लगाने की भी मांग करते हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा,
"याचिका में सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को निर्देश जारी करने की अपील की गई कि शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए उन्हें ऐसे मामलों में सिविल कोर्ट के आदेशों का पालन करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। बल्कि इन मामलों को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लाया जाना चाहिए ताकि देश में माहौल खराब न हो।"
याचिकाकर्ता ने कहा कि अजमेर शरीफ दरगाह, भोजशाला, संभल जामा मस्जिद, मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-मस्जिद और ज्ञानवापी से जुड़े मामले देश के सांप्रदायिक माहौल को खराब कर रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट को "इन सभी मामलों पर रोक लगाने" के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए।
पिछले हफ्ते चंदौसी में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए संभल (यूपी) की एक ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश में आरोप लगाया गया कि 16वीं सदी का यह स्मारक प्राचीन मंदिर के ऊपर बनाया गया, जिससे हिंसा भड़क गई। इसमें चार लोगों की मौत हो गई।
कुछ दिनों बाद राजस्थान की एक अदालत ने अजमेर शरीफ दरगाह के ASI सर्वेक्षण की मांग करने वाले मुकदमे पर नोटिस जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि यह मूल रूप से शिव मंदिर था।
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि पूजा स्थल अधिनियम के तहत इस तरह के मुकदमे प्रतिबंधित हैं, जो यह अनिवार्य करता है कि धार्मिक संरचनाओं के संबंध में यथास्थिति बनाए रखी जानी चाहिए, जैसी कि 15 अगस्त, 1947 को थी।
पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने संभल ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया था कि वह मस्जिद के खिलाफ कार्यवाही को तब तक के लिए टाल दे, जब तक कि सर्वेक्षण आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती नहीं दी जाती।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने शांति और सद्भाव की अपील की और उत्तर प्रदेश प्रशासन से पूरी तरह से तटस्थ रहने का आग्रह किया।