दिल्ली के मंगोलपुरी में मस्जिद गिराए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Shahadat

31 July 2024 10:37 AM GMT

  • दिल्ली के मंगोलपुरी में मस्जिद गिराए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

    नई दिल्ली के मंगोलपुरी के वाई-ब्लॉक में मस्जिद गिराए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई।

    सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े ने मामले की तत्काल सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) के समक्ष उल्लेख किया।

    सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस आर महादेवन की पीठ करेगी। इसके बाद, जब मामले की सुनवाई हुई तो कोर्ट ने बिना नोटिस जारी किए कहा कि वह 01 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगा।

    इस याचिका में यह प्रस्तुत किया गया कि 'सेव इंडिया फाउंडेशन' नामक व्यक्ति ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर की, जिसमें पूरी मस्जिद को हाल ही में अतिक्रमण बताया गया। इसके बाद हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट मांगी। चूंकि स्टेटस रिपोर्ट में 30 जुलाई को विध्वंस की आशंका जताई गई थी, इसलिए हाईकोर्ट के समक्ष विध्वंस अभियान पर रोक लगाने के लिए मौखिक उल्लेख किया गया।

    इसके बावजूद, हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि यदि पक्ष (एमसीडी सहित) कानून के अनुसार कोई कार्रवाई करने की योजना बना रहे हैं तो वे ऐसा करने के हकदार हैं। इसने यह भी कहा कि रिट याचिका का लंबित होना कानून के अनुसार कार्रवाई करने के आड़े नहीं आना चाहिए।

    एकल न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता द्वारा हलफनामा दाखिल करने के संबंध में प्रस्तुतीकरण दर्ज किया, इसने अनावश्यक अवलोकन भी शामिल किया कि यह आदेश अधिकारियों द्वारा की जा रही किसी भी कार्रवाई के आड़े नहीं आएगा, जो कि याचिकाकर्ता के विनम्र निवेदन के अनुसार, इस स्तर पर अनावश्यक है और योजनाबद्ध विध्वंस को अनुमति देने के समान है।"

    याचिकाकर्ता का मामला यह है कि हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के माध्यम से आसन्न विध्वंस को अनुमति दे दी। इसके अलावा, धार्मिक पूजा स्थल के रूप में इस तरह के अतिक्रमणों को ध्वस्त करने का मामला धार्मिक समिति के समक्ष रखा जाना है।

    इसे देखते हुए याचिकाकर्ता ने निम्नलिखित अंतरिम राहत की मांग की:

    “1) माननीय दिल्ली हाईकोर्ट, नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका (सिविल) नंबर 4867/2024 में पारित दिनांक 29.07.2024 के विवादित अंतरिम आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाई जाए।

    2) प्रतिवादियों को वर्तमान याचिका के लंबित रहने तक संबंधित मस्जिद को ध्वस्त न करने का निर्देश दिया जाए।”

    केस टाइटल: मुहम्मदी जामा मस्जिद मदरसा-अनवारुल-उलूम वेलफेयर एसोसिएशन (पंजीकृत) बनाम एनसीटी दिल्ली सरकार और अन्य।

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